नई दिल्ली: ईरान रिवोल्युशनरी गार्ड के कमांडर का कहना है कि ईरान हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण करने में सफल रहा है. ईरान जिस मिसाइल को लेकर दावा कर रहा है, उस तरह का हथियार केवल रूस, चीन और अमेरिका के पास है। हिजाब के विरोध में पिछले दो महीनों से आंदोलन की आग में चल रहे […]
नई दिल्ली: ईरान रिवोल्युशनरी गार्ड के कमांडर का कहना है कि ईरान हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण करने में सफल रहा है. ईरान जिस मिसाइल को लेकर दावा कर रहा है, उस तरह का हथियार केवल रूस, चीन और अमेरिका के पास है।
हिजाब के विरोध में पिछले दो महीनों से आंदोलन की आग में चल रहे ईरान ने कुछ ऐसा किया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के होश उड़ा दिए है. दरअसल, ईरान रिवोल्युशनरी गार्ड के कमांडर का कहना है कि ईरान हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण करने में सफल रहा है. इसे दुनिया की सबसे खास मिसाइल कहा जाता है. इसकी रफ्तार इतनी तेज होती है कि इनकी स्पीड को किसी सिस्टम द्वारा ट्रैक करना असंभव होता है।
रिपोर्ट के मुताबिक ईरान जिस मिसाइल को लेकर दावा कर रहा है, उस तरह का हथियार केवल रूस, चीन और अमेरिका के पास है. आपको बता दें कि भारत, फ्रांस, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इस तकनीक पर काम कर रहे है. उत्तरी कोरिया भी इन सबसे अलग हाइपरसोनिक मिसाइल होने का दावा कर रहा है।
एक तरफ ईरान की एक संस्था इस तरह के मिसाइल के होने की बात कहती है, वहीं दूसरी तरफ ईरान सरकार इस तरह की मिसाइल के दावों को खारिज करती है. आपको बता दें कि अन्य इस्लामिक देश इसे ईरान का झूठ करार देते हैं. कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान ने हाल ही में कई खतरनाक हथियार विकसित किए है।
रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने पिछले सप्ताह ही तीन चरणों वाले अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान Ghaem 100 का परीक्षण किया है. इसके जरिये ईरान पृथ्वी की सतह से 80 किलोग्राम वजन के सैटेलाइट को 500 किलोमीटर दूर स्थापित कर सकेगा. वहीं अमेरिका ने इस तरह के परीक्षण को तबाही बताया है।
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