नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट यानी ISIS महिलाओं को सेक्स स्लेव बनाकर रखते हैं। उन महिलाओं से जुड़ी हुई कई कहानी सामने आती रहती है कि बर्बरतापूर्ण तरीके से वो महिलाओं और बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं। इस्लामिक स्टेट ने एक ऐसी ही सेक्स स्लेव को अपने पास रख रखा था जिसकी कहानी […]
नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट यानी ISIS महिलाओं को सेक्स स्लेव बनाकर रखते हैं। उन महिलाओं से जुड़ी हुई कई कहानी सामने आती रहती है कि बर्बरतापूर्ण तरीके से वो महिलाओं और बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं। इस्लामिक स्टेट ने एक ऐसी ही सेक्स स्लेव को अपने पास रख रखा था जिसकी कहानी बाद में पूरी दुनिया ने सुनी।
यजीदी कम्युनिटी से आने वाली नादिया इराक में रहती थीं। महज 19 साल की नादिया मुस्लिम पड़ोसियों के बीच में थी। 2014 में आईएस आतंकियों ने 7000 महिलाओं और लड़कियों को बंधक बनाया, जिसमें एक नादिया भी थी। नादिया करीब तीन महीने तक उनके कैद में थी। ISIS के आतंकी रोज उसका बलात्कार करते थे। बिना समय देखें दिन रात उसे आतंकियों के हवस का शिकार बनना पड़ता था।
नादिया मुराद ने यूनाइटेड नेशन सिक्युरिटी काउंसिल में अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि आतंकियों ने उसके आंखों के सामने उसके पिता और भाई को मार दिया था। मैं रोती-चिल्लाती रही और उन्होंने मुझे बुरी तरह से मारा। हर दिन मुझे अलग-अलग आतंकी के पास भेजा गया और वो मुझे दिन-रात नोचते रहे। वहाँ रहने वाली दूसरी लड़कियों के साथ भी ऐसा ही किया जाता था।
नादिया आगे बताती हैं कि एक दिन उन्होंने भागने की कोशिश की तो गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया। उस रात उन्हें बेरहमी से पीटा गया और कपड़े उतार दिए गए। उस रात उसे उसी गार्ड को सौंप दिया गया। गार्ड ने उसके साथ तब तक रेप किया जब तक वह बेहोश नहीं हो गईं। नादिया का कहना है कि आतंकी रेप को एक खतरनाक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि नादिया नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।
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