नई दिल्ली: जर्मनी के मैगडेबर्ग शहर में क्रिसमस बाजार पर हुए भीषण हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस हमले में एक कार भीड़ पर चढ़ गई जिससे मरने वालों में एक बच्चा भी शामिल है. जर्मनी में सऊदी अरब के डॉक्टर द्वारा खेले गए खूनी खेल की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. मीडिया के मुताबिक पता चला है कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि इस शख्स ने ऐसा क्यों किया. लेकिन अब तक की जांच में जो बात सामने आई है वो वाकई हैरान करने वाली है. आरोपी इस्लामोफोबिक विचारों वाला व्यक्ति है. इसका सबूत उनका सोशल मीडिया है.
बता दें की ये हमलावर 50 वर्षीय सऊदी अरब का नागरिक है जो स्थायी आवासीय स्थिति के साथ जर्मनी में रह रहा है. मतलब कि वह जर्मन सरकार की मंजूरी के बाद करीब दो दशक से यहां रह रहे हैं. संदिग्ध के नाम का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर उसके हैंडल इस्लाम विरोधी होने की गवाही देते हैं. जर्मन मीडिया में उसे ‘तालेब ए’ कहकर बुलाया जा रहा है. शुरुआती जांच में पता चला कि वह मार्च 2020 से नशे की लत के शिकार लोगों के लिए स्पशलिस्ट रिहेबिलियेशन सेंटर में मनोचिकित्सक के तौर पर काम कर रहा था. अक्टूबर 2024 से छुट्टियों और बीमारी के कारण वह केंद्र नहीं जा रहे थे. वह मैगडेबर्ग के दक्षिण में 30,000 की आबादी वाले शहर बर्नबर्ग के केंद्र के पास एक तीन मंजिला अपार्टमेंट ब्लॉक में रहता था।
जर्मन अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि वह व्यक्ति इस्लामवादी नहीं है. आंतरिक मंत्री नैन्सी फेसर ने हमलावर के मकसद पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, या क्या उसके कोई राजनीतिक संबंध थे, लेकिन कहा कि उसका इस्लामोफोबिया (इस्लाम के विरोधी) स्पष्ट है. तालिब ए का 2019 का एक इंटरव्यू भी सामने आया है, जिसमें देखा गया कि वह खुद को एक एक्टिविस्ट बता रहे थे जो जर्मनी में सऊदी अरब से भाग रहे लोगों की मदद करता है. उदाहरण के लिए, वह व्यक्ति उन लोगों का समर्थन करता है जिन्होंने इस्लाम से मुंह मोड़कर यूरोप भाग गए. इन इंटरव्यूज में वह इस्लाम के कड़े आलोचक हैं. उन्होंने जर्मनी में एक इंटरव्यू में कहा, ”इस्लाम में कुछ भी अच्छा नहीं है.”
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक तालेब ने We are Saudis नाम से एक वेबसाइट बनाई. इस वेबसाइट के जरिए तालेब ने उन लोगों की मदद की जो गैर-मुस्लिम थे और खाड़ी देश छोड़कर दूसरे देश जाना चाहते थे. तालेब उनकी मदद करते थे. वहीं सऊदी अरब में तालेब पर आतंकवाद और मध्य पूर्व से यूरोप तक लड़कियों की तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. सऊदी अरब पर ऐसे आरोप लगने के बावजूद जर्मनी ने उसे स्थायी वीजा दे दिया और सऊदी अरब को सौंपा भी नहीं.
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