सीमा पर तनाव, भारत छोड़ने की तैयारी में आई ये चाइनीज कंपनी

नई दिल्ली. बीते दिनों चीन और भारत के बीच तवांग में झड़प हुई, इस झड़प में भारत ने चीन के तीन सौ सैनिकों को खदेड़ दिया. ऐसे में, चीन की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी फोसुन फार्मा ने अब भारत छोड़ने का मन बना लिया है. इस संबंध में चीनी अरबपति गुओ गुआंगचांग के शंघाई फोसुन […]

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सीमा पर तनाव, भारत छोड़ने की तैयारी में आई ये चाइनीज कंपनी

Aanchal Pandey

  • December 13, 2022 5:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. बीते दिनों चीन और भारत के बीच तवांग में झड़प हुई, इस झड़प में भारत ने चीन के तीन सौ सैनिकों को खदेड़ दिया. ऐसे में, चीन की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी फोसुन फार्मा ने अब भारत छोड़ने का मन बना लिया है. इस संबंध में चीनी अरबपति गुओ गुआंगचांग के शंघाई फोसुन फार्मास्युटिकल ग्रुप ने ग्लैंड फार्मा से अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इसके लिए ग्रुप ने कई प्राइवेट इक्विटी फर्मों से संपर्क किया है और बहुत जल्द ही ये कंपनी भारत से जाने वाली है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक फोसुन ने कथित तौर पर, एडवेंट इंटरनेशनल, बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया, बैन कैपिटल, ब्लैकस्टोन, कार्लाइल और केकेआर से संपर्क किया है इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि यह देश की सबसे बड़ी फार्मा डील में से एक हो सकती है.

जानिए पूरा मामला

तवांग में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी LAC तक पहुंचना चाहती थी, चीनी सैनिकों के इस कदम का वहां तैनात भारतीय सैनिकों ने बड़ी ही दृढ़ता और ताकत के साथ विरोध किया। इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प हो गई, इस झड़प में दोनों देशों की सेनाओं के कुछ जवान घायल भी हुए हैं, हालांकि भारत के जवानों ने LAC तक पहुंचने की कोशिश कर रहे चीनी सेनाओं को पीछे धकेल दिया लेकिन इस झड़प में कई सैनिकों के घायल होने की खबर आ रही है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देश के सैनिक कुछ ही देर में घटनास्थल से पीछे हट गए, इस घटना के बाद भारतीय आर्मी के कमांडर और चीनी कमांडर ने निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक फ्लैग मीटिंग की जिससे इलाके में शांति फिर से बहाल की जा सके। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी के आस-पास कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां चीन गलत तरीके से अपनी दावेदारी करता है, इन क्षेत्रों में दोनों देश अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते रहते हैं, साल 2006 से यह प्रैक्टिस चलन में है।

 

 

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