इस 84 साल बूढ़े नोबेल विजेता ने लगाई हसीना की लंका, अब बनेगा बांग्लादेश का नया PM?

नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट में जिस एक व्यक्ति की बड़ी भूमिका बताई जा रही है कि वह है कि नोबेल प्राइज विजेता यूनुस खान. बताया जा रहा है कि छात्रों के आंदोलन को यूनुस ने पीछे से अपना समर्थन दिया था. उन्होंने समय-समय पर विपक्षी दलों की मदद से आंदोलन को संसाधन भी मुहैया कराए, इसका नतीजा ये हुआ कि मंगलवार-5 अगस्त को उग्र हुए आंदोलन ने बांग्लादेश से शेख हसीना के 15 साल के राज को खत्म कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 84 साल के यूनुस को अब नई सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.

हसीना शासन के अंत को आजादी बताया

यूनुस खान ने शेख हसीना के इस्तीफे को देश के लिए नई आजादी बताया है. उन्होंने कहा कि जब तक हसीना प्रधानमंत्री थीं, तब तक हमारा देश गुलाम था. वे एक तानाशाह की तरह सभी चीजों को अपने कंट्रोल में रखती थीं. उनके इस्तीफे के बाद अब देश के लोग आजाद महसूस कर रहे हैं. यूनुस ने कहा कि देश में हो रही हिंसा और तोड़फोड़ लोगों का गुस्सा भर है और कुछ नहीं.

अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर होंगे

बता दें कि बांग्लादेश में जो अंतरिम सरकार का गठन होने वाला है, मोहम्मद यूनुस उसके चीफ एडवाइजर होंगे. मालूम हो कि इससे पहले आंदोलनकारी छात्रों ने यूनुस को सरकार बनाने में मदद करने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था. यूनुस ने कहा कि अगर छात्रों और हमारे देश के लोगों ने इतनी बड़ी कुर्बानी दी है तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है. यही सोचकर मैंने छात्रों का न्योता स्वीकार किया. बताया जा रहा है कि यूनुस पेरिस ओलंपिक के चलते अभी फ्रांस में हैं. वे जल्द ही बांग्लादेश लौट सकते हैं.

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