नई दिल्ली: दुनिया के कई इलाकों में इस वक्त युध्द चल रहा है। यूक्रेन और रूस के बीच करीब 3 वर्षों से भयंकर जंग चल रही है, तो सुडान भी ग्रह युद्ध की वजह से परेशान है। गज़ा जंग की वजह से पिछले 7 महीने से अरब मुल्क में तनाव जारी है। इसी बीच एक […]
नई दिल्ली: दुनिया के कई इलाकों में इस वक्त युध्द चल रहा है। यूक्रेन और रूस के बीच करीब 3 वर्षों से भयंकर जंग चल रही है, तो सुडान भी ग्रह युद्ध की वजह से परेशान है। गज़ा जंग की वजह से पिछले 7 महीने से अरब मुल्क में तनाव जारी है। इसी बीच एक खबर सामने आई है कि अरब दुनिया के तीन देश विनाशकारी हथियारों से खुद को लेस करने का इरादा कर चुके हैं। मध्य पूर्व में अभी बस इजराइल के पास परमाणु हथियार है। वहीं दूसरी तरफ ईरान भी परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच गया है। अब वो अपने न्यूक्लियर वेपन को दो और मुस्लिम देशों में बढ़ाना चाहता है।
ईरान के साथ साथ दो और मुस्लिम देश न्यूक्लियर वेपन से लेस होने जा रहे हैं। ये मुमकिन होगा ईरान के परमाणु तोहफे से, अब सबके मन में सवाल यही है कि आखिर ईरान दो देशों को परमाणु तकनीक क्यों देने जा रहा है? आखिर इसके पीछे ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की सोच क्या है?
ईरान के राष्ट्रपति रईसी ने जो नक्शा बनाया है, देश उसी नक्शेकदम पर अग्रसर हो रहा है। रईसी की इस परमाणु प्लान से पश्चिमी मुल्कों, खास तौर से अमेरिका में हड़कंप मच गया है। दरअसल ईरान तुर्की और सऊदी अरब को न्यूक्लियर तकनीक देने के बारे में सोच रहा है। आने वाले समय में ईरान इन दोनों मुल्कों को परमाणु तकनीक दे सकता है।
अगर ऐसा होता है तो इजराइल और अमेरिका के लिए बड़े खतरे की बात है।
IAEA (International Atomic Energy Agency) की एक रिपोर्ट के अनुसार ईरान के पास इतना यूरेनियम है कि वो 3 परमाणु हथियार का निर्माण कर सकता है। ईरान अपने परमाणु प्रोग्राम को बहुत ही गुप्त तरीके से आगे बढ़ रहा है। कहा जा रहा है कि उसे रूस की मदद भी मिल रही है, साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि ईरान परमाणु परीक्षण करने के बेहद करीब पहुंच चुका है। वो जल्द ही परमाणु मिसाइल तैयार कर सकता है, इसके बाद ईरान तुर्की और सऊदी अरब को भी यह तकनीक दे सकता है। अगर ईरान का ये कदम सफल होता है तो ये पश्चिमी देशों के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
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