नई दिल्ली: पाकिस्तान में शनिवार का दिन बेहद ऐतिहासिक रहा. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से बेदखल किया गया है. शनिवार-रविवार देर रात हुए वोटिंग में विपक्ष को 174 वोट मिले। ये पांच गलतियां जो इमरान सरकार को ले डूबी […]
नई दिल्ली: पाकिस्तान में शनिवार का दिन बेहद ऐतिहासिक रहा. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से बेदखल किया गया है. शनिवार-रविवार देर रात हुए वोटिंग में विपक्ष को 174 वोट मिले।
1- साल 2018 में सत्ता में आए इमरान खान ने लोगों से नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था, लेकिन वे बेरोजगारी-महंगाई को कट्रोल करने में विफल रहे. खान सरकार विदेशी मुद्रा भंडार भरने और दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति को कम करने के मामले में लड़खड़ा रही थी. पिछले साल ISI प्रमुख की नियुक्ति का समर्थन करने से इनकार के चलते उन्होंने स्पष्ट रूप से सेना का समर्थन भी खो दिया था. हालांकि अंत में वो सहमत हो गए थे, लेकिन इससे सेना के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई थी.
2- पाकिस्तान के आज़ादी के 75 सालों में से आधे से अधिक समय तक तख्तापलट की आशंका वाले देश पर सेना ने ही शासन किया है और अब तक सुरक्षा एवं विदेश नीति के मामलों में भी उसी का बोलबाला रहा है. इमरान खान ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को बनाना चाहते थे लेकिन सेना आलाकमान ने पेशावर में कोर कमांडर के रूप में उनकी नियुक्ति करके उनका तबादला कर दिया और इस बात से खान ख़फ़ा हो गए थे.
3- रूस-यूक्रेन के युद्ध शुरू होने से एक दिन पहले इमरान खान ने मॉस्को का दौरा किया था. इसके लिए उन्होंने कोरोना नियमो का भी उल्लंघन किया था. वे जब मॉस्को में थे तब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था. इसके बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा था कि इमरान खान ने मॉस्को जाने का वक़्त जो चुना है उससे पाकिस्तान खतरे में पड़ सकता है.
4- पाकिस्तान के इतिहास में दिलचस्प बात ये है कि आज तक यहां किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया हैं किया है.
5- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निचले सदन में नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार के दिन को एक ऐतिहासिक दिन बताया था और कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले ने देश का भविष्य ‘‘उज्ज्वल” बना दिया है. वहीँ खान सरकार ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के निर्णय को असंवैधानिक घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को शनिवार को पुनर्विचार याचिका दायर कर चुनौती दी थी.