नई दिल्ली: इन दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड का एक नया रूप देखने को मिल रहा है. उनके इस रूप को देख कर लोग हैरान हो रहे हैं. दरअसल वामपंथ की तरफ झुकाव रखने वाले प्रचंड पिछले कुछ साल में धर्म की तरफ ज्यादा झुकते हुए नजर आ रहे हैं. कभी कट्टर […]
नई दिल्ली: इन दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड का एक नया रूप देखने को मिल रहा है. उनके इस रूप को देख कर लोग हैरान हो रहे हैं. दरअसल वामपंथ की तरफ झुकाव रखने वाले प्रचंड पिछले कुछ साल में धर्म की तरफ ज्यादा झुकते हुए नजर आ रहे हैं. कभी कट्टर कम्युनिस्ट नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले नेपाली पीएम का यह भक्ति रूप देखकर सभी लोग चकित हो गए हैं. दरअसल पुष्प कमल दहल प्रचंड इस समय चीन की यात्रा पर हैं जहां उन्होंने वहां के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर अब कैलाश मानसरोवर की ओर रुख कर लिया है. उनकी इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
प्रचंड की मानसरोवर की इस यात्रा ने कई लोगों को हैरान कर दिया है. जिसके पीछे की वहज ये है कि प्रचंड ऐसे नेता हैं जिनकी पार्टी ने माओवादी आंदोलन के समय हिंदू राजा का विरोध किया था. उस विरोध के दौरान इन पर कई हिन्दू मंदिरों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया गया था. लेकिन अब प्रचंड अपने शुरुआती राजनीति के बिल्कुल विपरित चल रहे हैं. वह पशुपतिनाथ, महाकाल, के अलावा कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी करने जा रहे हैं. इसको लेकर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके पीछे उनकी कोई सोची समझी मंशा है. इस लिए वो अपनी छवि कट्टर हिंदू के रूप में बना रहे हैं.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड इन दिनों शिव की भक्ति में रंगे हुए नजर आ रहे हैं. बता दें कि प्रचंड पिछले काफी समय से शिव भक्ति दिखा रहे हैं. इससे पहले प्रचंड अपने भारत दौरे के दौरान महाकाल का दर्शन करने उज्जैन पहुंचे थे. साथ ही वो नेपाल में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के भी दर्शन चुके हैं.
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