नई दिल्लीः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। पूर्व पीएम के निधन के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और देश में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। डॉ. मनमोहन सिंह को पूरी दुनिया याद कर रही है। मालदीव और अफगानिस्तान समेत पड़ोसी देशों के नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया है। नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री के योगदान और देशों के साथ अच्छे संबंधों का भी जिक्र किया है।
कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “अपने पूर्व सहयोगी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। वह एक शानदार दिमाग, ईमानदारी और बुद्धिमत्ता वाले व्यक्ति थे। लॉरेन और मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के अटूट सहयोगी और मित्र थे। मैं उनके निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, भारत के लोगों और सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने भी एक्स पोस्ट में मनमोहन सिंह को क्षद्दांजलि दी। उन्होंने लिखा- मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे हमेशा उनके साथ काम करना अच्छा लगता था और वे एक दयालु पिता की तरह थे। वे मालदीव के अच्छे मित्र थे।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला शाहिद ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। मुझे 2011 में उनकी मालदीव यात्रा याद है, जहां मैंने तत्कालीन संसद के अध्यक्ष के रूप में उन्हें मजलिस की बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार और प्रियजनों को उनकी विरासत से सांत्वना मिले। इस क्षति पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।”
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बयान जारी कर कहा संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उनके काम ने पिछले दो दशकों अधिकांश उपलब्धियों की नींव रखी। अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़े निवेश का संकेत दिया। डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिसने भारत के तेज आर्थिक विकास को गति दी।
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