नई दिल्ली: आज के दौर में अधिकांश देश भारी कर्ज़ में डूबे हुए हैं। चाहे विकसित देश हों या विकासशील, राष्ट्रीय कर्ज़ की समस्या दुनिया भर में एक बड़ी चिंता का विषय है। लेकिन कुछ ऐसे देश भी हैं, जो अपनी वित्तीय नीतियों और सुदृढ़ आर्थिक प्रबंधन के चलते कर्ज से काफी हद तक बचे […]
नई दिल्ली: आज के दौर में अधिकांश देश भारी कर्ज़ में डूबे हुए हैं। चाहे विकसित देश हों या विकासशील, राष्ट्रीय कर्ज़ की समस्या दुनिया भर में एक बड़ी चिंता का विषय है। लेकिन कुछ ऐसे देश भी हैं, जो अपनी वित्तीय नीतियों और सुदृढ़ आर्थिक प्रबंधन के चलते कर्ज से काफी हद तक बचे हुए हैं। आइए जानते हैं दुनिया के सबसे कम कर्ज़ वाले 4 देशों के बारे में, जिनकी आर्थिक स्थिति अद्भुत है।
1. मकाउ
मकाउ भी एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और पर्यटन केंद्र है, खासकर जुआ उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इसके मजबूत आर्थिक ढांचे और विदेशी निवेश की बदौलत मैकाओ का कर्ज-से-जीडीपी अनुपात लगभग कम ही है। यहाँ की सरकार अपने खर्चों को राजस्व से नियंत्रित रखती है और उधार लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
ब्रुनेई, दक्षिण पूर्व एशिया का छोटा और समृद्ध देश है। इसकी समृद्धि का मुख्य स्रोत तेल और गैस का निर्यात है। तेल और गैस से भरपूर देश ब्रुनेई, बेहद समृद्ध है और इसकी अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर तेल और प्राकृतिक गैस पर आधारित है। यहां की सरकार को सरकारी खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज़ लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती, इसलिए ब्रुनेई का कर्ज़ दुनिया में सबसे कम है।
हॉन्ग कॉन्ग एक ऐसा देश है जो अपनी आर्थिक रणनीति और मजबूत व्यापार प्रणाली के कारण दुनिया के सबसे कम कर्ज़ वाले देशों में गिना जाता है। हॉन्ग कॉन्ग का सरकारी कर्ज बहुत कम है क्योंकि यह अपने बजट को हमेशा संतुलित रखता है और अपने सरकारी खर्चों पर सख्त नियंत्रण रखता है।
तुर्कमेनिस्तान के पास भारी मात्रा में प्राकृतिक गैस का भंडार है। पर्यटन के लिहाज से भी यह देश काफी पसंद किया जाता है। हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं। इसके पास जीडीपी का 4.7 फीसदी कर्ज है। यह देश कालीनों के लिए जाना जाता है।
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