नई दिल्ली। समाज में वर्षों से चली आ रही कुरीतियों का शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं होती हैं। महिलाओं को समाज में जिन रिवाजों से लड़ना पड़ता है, उसमें बाल विवाह भी एक है। दुनिया में अभी भी कई ऐसे देश हैं, जहां बाल विवाह लीगल हैं और उसमें भी कई मुस्लिम देश को उसे अब जाकर लीगल बना रहे हैं। ऐसा ही इराक में हुआ है।
इराक ने अपने देश के विवाह कानून में संसोधन करने का फैसला किया है। इसमें लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल हो सकेगी। पुरुष 9 साल की लड़की के साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं, उन्हें इसके लिए सजा नहीं मिलेगी। इराक एक शिया देश है और यहां की सरकार का कहना है कि ऐसा करके वो युवा मुस्लिम लड़कियों को सुरक्षित करना चाहती है।
सरकार का ऐसा मानना है कि यह नियम इस्लामिक शरिया कानून के तहत लाया गया है। शरिया कानून में बच्चियों से निकाह और संबंध बनाना जायज है। वहीं इराक की महिलाएं इस कानून का विरोध कर रही है। उनका कहना है कि ऐसा करके सरकार बच्चियों के साथ जुल्म कर रही। कम उम्र में शादी की वजह से बच्चियों के साथ जबरदस्ती के संबंध बनाए जायेंगे जो कि एक तरह से बलात्कार है। साथ ही तलाक, बच्चों की कस्टडी और प्रॉपर्टी जैसे खास अधिकार भी बैन कर दिए जाएंगे।
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