नई दिल्ली: आज सुबह 5ः30 बजे दिल्ली एनसीआर में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली में आए भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई और इसका केंद्र दिल्ली के पास 5 किलोमीटर की गहराई पर था, जिससे तेज झटके महसूस हुए। भूकंप के दौरान कई इमारतों में कंपन महसूस किया गया, जिससे लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। इसके कुछ देर बाद यूपी बिहार में भी धरती हिलने लगी। सुबह 8:02 बजे बिहार के सीवान जिले में रिक्टर पैमाने पर 4.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। झटके इतने तेज थे कि लोग घबरा गए और सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।
आपको बता दें अभी तक किसी भी जगह से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों के एक चौंकाने वाला दावा किया है। वैज्ञानिकों ने ग्रीस के द्वीप सेंटोरिनी के पास सिर्फ़ दो हफ़्तों में ही लगभग 8,000 भूकंपों का पता लगाया है।
वैज्ञानिकों ने महाभूकंप का दावा करते हुए कहा है की दुनिया के कुछ हिस्सों में लाखों लोग महाभूकंप के शिकार होंगे। वैज्ञानिकों ने ग्रीक द्वीप सेंटोरिनी के पास दो सप्ताह में लगभग 8,000 भूकंपों का पता लगाया है। साथ ही उन्होंने ग्रीस के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक सेंटोरिनी में आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर दी है।
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के वैज्ञानिक मार्को बोहनहोफ के अनुसार, इस्तांबुल में लगभग हर 250 साल में बड़े भूकंप आते हैं। आखिरी विनाशकारी भूकंप 1766 में आया था, जिसका मतलब है कि यह क्षेत्र पहले ही एक और शक्तिशाली भूकंप का सामना कर चुका है। बोहनहोफ ने कई भूवैज्ञानिक मॉडलों के डेटा का हवाला देते हुए कहा, “अगले कुछ दशकों में एक बड़े भूकंप की संभावना 80 प्रतिशत तक है।”
भूकंपविज्ञानी नैसी गोरुर भी इन चिंताओं को साझा करते हैं, चेतावनी देते हैं कि इस्तांबुल में 100,000 इमारतों को एक बड़े भूकंप में ढहने का बड़ा खतरा है। गोरुर ने कहा, “लाखों लोग मर जाएंगे। एक बड़ी तबाही आने वाली है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि न तो स्थानीय सरकार और न ही निवासी खतरे की भयावहता को समझते हैं।
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