नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राज्य महिला आयोग की ओर से एक बड़ा प्रस्ताव दिया गया है, जिसका कनेक्शन तालिबान के नियमों जैसा है. दरअसल, महिला आयोग की ओर से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक प्रस्ताव दिया गया है, इसमें अब पुरुष दर्जी महिलाओं के शरीर और कपड़ों का माप नहीं ले सकेंगे. […]
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राज्य महिला आयोग की ओर से एक बड़ा प्रस्ताव दिया गया है, जिसका कनेक्शन तालिबान के नियमों जैसा है. दरअसल, महिला आयोग की ओर से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक प्रस्ताव दिया गया है, इसमें अब पुरुष दर्जी महिलाओं के शरीर और कपड़ों का माप नहीं ले सकेंगे.
अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से भी ऐसा ही आदेश आया था, आइए जानते हैं इसके बारे में। अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद न सिर्फ महिलाओं के अधिकार छीन लिए गए बल्कि पुरुषों को भी हिंसा का सामना करना पड़ा. तालिबान ने पुरुष दर्जियों के महिलाओं के कपड़े सिलने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
यह आदेश उन दर्जियों के लिए बहुत कठिन था, जिनका काम केवल महिलाओं के कपड़े सिलना था। इससे उनके भोजन का भी संकट हो गया। तालिबान के इस प्रतिबंध के बाद अधिकतर पुरुष दर्जी अफगानिस्तान से पाकिस्तान चले गये. उन्होंने कहा कि अगर वे कपड़े नहीं सिलेंगे तो उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचेगा. तालिबान के आने से पहले अफगानिस्तान में महिलाओं के कपड़े सिलने का सारा काम पुरुष ही संभालते थे.
कई दुकानें तो ऐसी थीं जहां सिर्फ महिलाएं ही कपड़े सिलवाने आती थीं, इस फैसले के बाद उन दुकानों पर कोई नहीं आया. इसलिए उन्हें काम की तलाश में पाकिस्तान आना पड़ा. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में पुरुष दर्जियों पर महिलाओं के कपड़े बनाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद, कई दर्जी पाकिस्तान के पेशावर प्रांत में कम पैसे पर काम कर रहे हैं, उन्हें एक महीने में उतना ही मिल रहा है जितना वे अफगानिस्तान में कुछ दिनों में कमा लेते हैं।
उनमें से कुछ पाकिस्तान में रोजमर्रा के काम के अवसरों पर निर्भर हैं, जैसे स्थानीय दर्जी की दुकानों में काम करना। महिला आयोग के इस प्रस्ताव के बाद कई दर्जियों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कई दर्जी सिर्फ महिलाओं के कपड़े सिल कर ही अपना जीवन यापन कर रहे थे, ऐसे में उनके पास कोई और काम ढूंढना ही एकमात्र विकल्प होगा।
इसी तरह यूपी में महिला आयोग जिम ट्रेनर और योग शिक्षकों को लेकर भी एक प्रस्ताव लाया है, जिसमें पुरुष महिलाओं को योग नहीं सिखा सकेंगे. फिलहाल महिला सुरक्षा का हवाला देकर लाए गए इन फरमानों को लेकर विवाद शुरू हो गया है.
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