नई दिल्ली: कई दशक पहले कनाडा में सामान्य सूअर और जंगली सूअर को क्रॉस ब्रीड करवाकर एक नई नस्ल बनाई गई थी. इन सूअरों को सुपर पिग्स की संज्ञा दी गई जो पूरे देश में फ़ैल गए हैं. ये सूअर देशी प्रजातियों और फसलों पर कहर बरपाने के बाद अब जमीन छोड़कर अमेरिका की ओर […]
नई दिल्ली: कई दशक पहले कनाडा में सामान्य सूअर और जंगली सूअर को क्रॉस ब्रीड करवाकर एक नई नस्ल बनाई गई थी. इन सूअरों को सुपर पिग्स की संज्ञा दी गई जो पूरे देश में फ़ैल गए हैं. ये सूअर देशी प्रजातियों और फसलों पर कहर बरपाने के बाद अब जमीन छोड़कर अमेरिका की ओर रास्ता बना रहे हैं.
सूअरों का अध्ययन करने वाले वाइल्ड लाइफ रिसर्चर और सस्केचेवान यूनिर्विसिटी के प्रोफेसर रयान ब्रुक ने दावा किया है कि ये सूअर इस समय पृथ्वी पर बड़े आकार के सबसे बड़े स्तनपायी जीव हैं. दरअसल 1980 के दशक में विदेशी सूअर के मांस से बने नये उत्पाद बेचने के लिए पहली बार जंगली सूअरों को यूरोप के जंगलों से लाया गया था. ये कनाडा के खेतों में दिखाई देने लगे और उस समय लोग इनके आकार को बढ़ाने और उनके स्वाद को अच्छा करने केलिए क्रॉस ब्रीड भी करने लगे. इसी बीच जो नए सूअर बनकर आए उनके शरीर पर फर अधिक थे और वह कनाडा की कड़कड़ाती ठंड में भी जीवित रह सकते हैं.
मांस के बाजार में तो इन सुपर पिग्स को खूब पसंद किया जाता है लेकिन सब कुछ इतना आसान भी नहीं है. ब्रुक के अनुसार ब्रीडिंग के कारण सूअर उन सभी सूअरों का डार्बोचार्ज हुआ जो इसे एक आक्रामक प्रजाति बनाते हैं. जंगली सूअर तो पहले से ही आक्रामक था लेकिन सुपर पिग और भी ज़्यादा ख़तरा बन गया.
साल 2001 में जब बाजार ढह गया तो सूअरों को छोड़ दिया गया. इसके बाद एक समय में 300 से अधिक सूअर छोड़े जाने पर मजबूत प्रजातियां भाग गईं. जिससे कुछ ही दशक में इनकी संख्या में वृद्धि हुई और आज उनकी संख्या में विस्फोट हो रहा है. डराने वाली बात ये है कि ये एक आक्रामक और खतरनाक प्रजाति है जो कीड़े,लार्वा कुछ भी खा सकते हैं. यदि ये खुले घास के मैदानों में बढ़ गए तो इन सूअरों को तबाही मचाने से कोई नहीं रोक सकता है. इतना ही नहीं ये सूअर पाने को भी प्रदूषित कर देते हैं.
अमेरिका इसी को लेकर समस्या का सामना कर रहा है जहां जंगली सूअर पहले से ही एक बड़ी समस्या बने हुए हैं. अमेरिका में पहले ही हर साल जंगली सूअर कृषि को नुकसान पहुंचाते हैं. एकसास और फ्लोरिडा में कई इलाको में जहां गर्मी है वहाँ से लेकर इडाहो, मोंटाना, नॉर्थ डकोटा और मिनेसोटा जैसे राज्यों में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड तक में ये सुपर पिग्स दिखाई देते हैं. चिंता की बात ये है कि कनाडा के सुपर पिग्स तेजी से अमेरिका की ओर बढ़ रहे हैं. ब्रुक ने बताया है कि ये रुख एक वास्तविक खतरा है.
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