UN: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग तेज, भारत सहित इन देशों ने की बैठक

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ढांचे में लंबे समय से सुधार की मांग की जा रही है. अब इसे लेकर दुनिया के कई देशों ने रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है. बता दें कि बीते 21 सितंबर को भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के बीच अहम बैठक हुई. मीडिया […]

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UN: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग तेज, भारत सहित इन देशों ने की बैठक

Vikash Singh

  • September 22, 2023 12:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ढांचे में लंबे समय से सुधार की मांग की जा रही है. अब इसे लेकर दुनिया के कई देशों ने रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है. बता दें कि बीते 21 सितंबर को भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के बीच अहम बैठक हुई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बड़े स्तर पर सुधार की जरूरत है. ताकि यह वर्तमान की भू-राजनीतिक व्यवस्था को ठीक ढंग से पेश कर सके.

इन देशों के विदेश मंत्रियों ने की बैठक

संयुक्त राष्ट्र की आम सभा से इतर 4 देशों के विदेश मंत्रियों ने बैठक की. इस बैठक में भारत के विदेश मामलों के उप-मंत्री संजय वर्मा, जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक, ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा और जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा शामिल हुए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में कहा गया कि जटिल समस्याओं की वजह से बहुपक्षवाद पर काफी दबाव है. जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र वैश्विक समस्याओं का समय रहते निवारण करने में अक्षम साबित हो रहा है. ऐसे में इसमें बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है. वहीं इस बैठक के बाद इन सभी मौजूद विदेश मंत्रियो ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी और स्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार की जरूरत है.

यूक्रेन युद्ध का भी किया जिक्र

समिट ऑफ द फ्युचर में भारत ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में विश्व की दक्षिण की चिंताओं को G-20 एजेंडे में रखा गया है. राजधानी दिल्ली में आयोजित हुए समिट में 5 मुख्य अध्याय को शामिल किया गया. जिसके अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति, इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन भी शामिल है. भारत की तरफ से समिट ऑफ द फ्युचर में कहा गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी के चलते बहुपक्षीय प्रणाली प्रभावित हुई है.

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