नई दिल्ली: अल-मुतनब्बी स्ट्रीट दुनिया की सबसे पुरानी किताब की बाजार मानी जाती है. यहां किताबों को रात के समय में सड़कों पर बिछा दिया जाता है. खास बात यह है कि यहां कभी कोई किताब चोरी नहीं होती है. यहां लोग आते हैं और पढ़कर उसे वैसे ही रख देते हैं। दुनिया में आज […]
नई दिल्ली: अल-मुतनब्बी स्ट्रीट दुनिया की सबसे पुरानी किताब की बाजार मानी जाती है. यहां किताबों को रात के समय में सड़कों पर बिछा दिया जाता है. खास बात यह है कि यहां कभी कोई किताब चोरी नहीं होती है. यहां लोग आते हैं और पढ़कर उसे वैसे ही रख देते हैं।
दुनिया में आज भी किताबों के आशिक बहुत हैं. कुछ दिन पहले एक ट्विटर हैंडल ने दुनिया की सबसे पुरानी किताब बाजारों में से एक बाजार के बारे में कुछ ऐसा कहा कि वह खूब वायरल हो गया. बायत अल फन नामक ट्विटर हैंडल ने ईराक स्थित बगदाद के अल-मुतनबी स्ट्रीट का नजारा वीडियोज और तस्वीरों के माध्यम से बताया है.
अल-मुतनबी स्ट्रीट बगदाद में ऐतिहासिक पुस्तक बाजार लगती है. यह बाजार वैसे तो प्रतिदिन लगता है लेकिन शुक्रवार को यहां भीड़ कुछ अधिक रहता है और काफी संख्या में यहां छात्र पहुंचते हैं. इस बाजार की खास बात यह है कि यहां रात में सड़कों के बाहर किताबें बिछाई जाती ताकि लोग यहां आकर पढ़ सकें. मुतनब्बी स्ट्रीट बगदाद किताबों की बिक्री का ऐतिहासिक जगह है. यह जगह प्राचीन काल से ही बगदाद की साहित्यिक और बौद्धिक समुदाय की आत्मा कहा जाता है।
कहा जा रहा है कि अल-मुतनब्बी स्ट्रीट की किताबों की बाजार के चलते 8वीं शताब्दी से सभी धर्मों के लेखकों की शरणस्थली रही है. इस अल-मुतनबी स्ट्रीट का उद्घाटन 1932 में राजा फैसल प्रथम द्वारा किया गया था और इसका नाम 10 वीं शताब्दी के जाने माने कवि अबुल तैयब अल-मुतनब्बी के नाम पर रखा गया था. यह बाजार पुराने बगदाद के निकट स्थित है।
आमतौर पर शुक्रवार को छात्रों का यहां आना-जाना लगा रहता है. अल-मुतनबी की सड़कों पर त्योहारों का आयोजन भी होता रहता है. अल-मुतनबी स्ट्रीट पर आउटडोर बुक स्टॉल, कैफे, स्टेशनरी की दुकानें और यहां तक कि चाय की दुकानें भी मौजूद हैं।
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