Advertisement
  • होम
  • दुनिया
  • लॉन्च के 4 मिनट बाद आसमान में फटा दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप

लॉन्च के 4 मिनट बाद आसमान में फटा दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप

नई दिल्ली: एक बार फिर दुनिया का सबसे ताकतवर स्पेस रॉकेट इतिहास रचते-रचते रह गया. मंगल ग्रह पर इंसानों को ले जाने वाला रॉकेट स्टारशिप गुरुवार (20 अप्रैल) को लॉन्च किया गया था लेकिन टेस्ट लॉन्च के महज 4 मिनट बाद ही ये राकेट आसमान में जाकर फट गया. जानकारी के अनुसार ये रॉकेट 33 […]

Advertisement
  • April 20, 2023 8:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: एक बार फिर दुनिया का सबसे ताकतवर स्पेस रॉकेट इतिहास रचते-रचते रह गया. मंगल ग्रह पर इंसानों को ले जाने वाला रॉकेट स्टारशिप गुरुवार (20 अप्रैल) को लॉन्च किया गया था लेकिन टेस्ट लॉन्च के महज 4 मिनट बाद ही ये राकेट आसमान में जाकर फट गया. जानकारी के अनुसार ये रॉकेट 33 किलोमीटर की ऊंचाई पर फटा जिसके कारणों का फिलहाल कुछ पता नहीं चल पाया है. अब जांच पूरी होने के बाद पता लगाया जा सकेगा कि आखिर लॉन्चिंग के कुछ ही मिनट बाद फटने के क्या कारण थे.

दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट

भारतीय समयानुसार 20 अप्रैल 2023 की शाम करीब सात बजे रॉकेट स्टारशिप (Starship) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. दक्षिणी टेक्सास में बोका चिका (Boca Chica) स्थित स्टारबेस (Starbase) से इस रॉकेट की टेस्टिंग की गई थी जिसके बाद यह आसमान में 33 किलोमीटर की ऊंचाई पर फट गया. रॉकेट की बात करें तो ये दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट है जिसकी ऊंचाई 394 फीट, व्यास 29.5 फीट है. इसे दो हिस्सों में बांटा गया है जिसमें से ऊपर वाले हिस्से को स्टारशिप कहते हैं. इस रॉकेट को बनाने का मिशन अंतरिक्ष में यात्रियों को मंगल तक भेजना है. बता दें, इसके अंदर 1200 टन ईंधन आता है जो इतना ताकतवर है कि पृथ्वी के एक कोने से दूसरे कोने तक मात्र एक घंटे में पहुंच सकता है.

रीयूजेबल है स्टारशिप

इस रॉकेट के दूसरे हिस्से की बात करें तो ये सुपर हैवी है. ये 226 फीट ऊंचा रॉकेट रीयूजेबल है. मतलब स्टारशिप को एक ऊंचाई तक ले जाकर ये वापस धरती पर आ जाएगा जिसका इस्तेमाल बाद में किया जा सकता है. इसकी खासियत यह है कि ये स्टारशिप को अंतरिक्ष में छोड़कर वायुमंडल पार करते हुए समुंद्र में गिर सकता है. इसके अंदर 3400 टन ईंधन है जो 33 रैप्टर इंजन ऊर्जा प्रदान करता है. अगर लॉन्चिंग के 90 मिनट बाद ये रॉकेट प्रशांत महासागर में गिर जाएगा या धरती की निचली कक्षा में चला जाता है. यदि ऐसा होता तो इसे एक बड़ी सफलता मानी जाती लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं है. बता दें, इस रॉकेट को स्पेस रिसर्च कंपनी स्पेस एक्स की ओर से तैयार किया गया था जो नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) से भी बड़ा है.

यह भी पढ़ें-

Ateeq-Ashraf Murder: आखिरी बार 7-8 दिन पहले घर आया था आरोपी लवलेश तिवारी, पिता ने कहा हमसे कोई मतलब नहीं

बड़ा माफिया बनना चाहते थे तीनों शूटर्स, पहले भी किए थे कई सारे मर्डर, जानिए अतीक को मारने वालों की कुंडली

Advertisement