नई दिल्ली: दुनिया का 8 वां महाद्वीप ढूंढ लिया गया है. एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि हाल ही में तकरीबन 375 सालों से गायब एक महाद्वीप का पता वैज्ञानिकों ने लगा लिया है. इस महाद्वीप को जीलैंडिया नाम दिया गया है. जिसका अधिकतर हिस्सा पानी के नीचे है. इस रिपोर्ट में […]
नई दिल्ली: दुनिया का 8 वां महाद्वीप ढूंढ लिया गया है. एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि हाल ही में तकरीबन 375 सालों से गायब एक महाद्वीप का पता वैज्ञानिकों ने लगा लिया है. इस महाद्वीप को जीलैंडिया नाम दिया गया है. जिसका अधिकतर हिस्सा पानी के नीचे है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जीलैंडिया में न्यूजीलैंड के समान ही द्वीपों का एक समूह है.
एक रिपोर्ट में दुनिया का 8 वां महाद्वीप ढूढ़ने का दावा किया जा रहा है. इस महाद्वीप को जीलैंडिया का नाम दिया गया है. बता दें कि मूल रूप से यह प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना लैंड का हिस्सा था. जो तक़रीबन 54.2 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सदियों से जीलैंडिया वहीं था जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया था. अब भूवैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया है साथ ही इसका नक्शा भी बना लिया है.
रिपोर्ट के अनुसार जीलैंडिया बहुत बड़ा महाद्वीप है. जो आकार में मेडागास्कर के लगभग 6 गुना बड़ा है. क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो ये पूरा महाद्वीप लगभग 4.9 मिलियन वर्ग किलोमीटर या 1.89 मिलियन वर्ग मील में फैला हुआ है. यह अब तक का खोजा गया 8 वां महाद्वीप है. इसके साथ ही यह सबसे पतला और छोटा महाद्वीप भी है. इसको लेकर जीलैंड क्राउन रिसर्च इंस्टीट्यूट जीएनएस साइंस के एंडी टुलोक ने जानकारी दी उन्होंने कहा कि जीलैंडिया हमेशा से वैज्ञानिकों के अध्ययन करने के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण विषय रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसी चीज को कैसे स्पष्टता से सामने लाने में समय लगता है.
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