नई दिल्लीः दुनिया के बढ़ते तापमान से पूरा विश्व परेशान है .अब नासा के एक वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि यह परेशानी और बढ़ सकती है। बता दें कि नासा के जलवायु विज्ञानी गेविन शिमिट ने दावा किया है कि बीते सैकड़ों सालों में जुलाई का महीना सबसे गर्म रहा है. उन्होंने यह दावा एक स्टडी के आधार पर किया है.
नासा के वैज्ञानिक शिमिट ने बढ़ते तापमान पर बताया कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से एक ओर जहां ग्लेशियर पिघलने और समुद्र के तापमान में बढ़ोतरी होने से, द्वीपों के जलमग्न होने का खतरा बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ ग्रीन हाउस गैस में हो रही लागतार बढ़ोतरी से वैश्विक तापमान भी बढ़ता जा रहा है. हालांकि शिमिट ने अल नीनो प्रभाव को भी एक वजह बताया है, उन्होंने कहा अलनीनो की वजह से भी तापमान बढ़ रहा है।
अल-नीनो (El-Nino), एक गर्म समुद्री जलधारा का उदाहरण है। यह पश्चिमी प्रशांत महासागर में पेरू के समुद्र तट के पास हर साल क्रिसमस के आस-पास उत्पन्न होती है. इस गर्म जलधारा के उत्पन्न होने से केवल दक्षिण अमेरिका के पश्चिम तट का मौसम ही प्रभावित होता है बल्कि इसका प्रभाव पूरी पृथ्वी के तापमान पर पड़ता है. भारतीय मानसून पर भी अल-नीनो का प्रभाव पड़ता है. अल-नीनो के मजबूत होने से भारतीय मानसून कमजोर पड़ जाता है और भारत में कम बारिश होती है जिससे सूखे की स्थिति बन जाती है.
गेविन ने बताया कि 2024 में हालात और भी बिगड़ सकते हैं. शिमिट ने कहा कि अल नीनो प्रभाव इस साल के अंत में सबसे अधिक प्रभावी होगा.
El-Nino के प्रभाव से 2024 के अधिक गर्म रहने की आशंका है.
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