नई दिल्ली: इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच जंग जारी है. इस युद्ध में दुनिया के सभी देश दो भागों में बट गए हैं. अमेरिका, भारत और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश जहां इजरायल के समर्थन में खड़े हैं. वहीं अब रूस भी जंग के मैदान में फलिस्तीनियों का साथ देते हुए नजर […]
नई दिल्ली: इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच जंग जारी है. इस युद्ध में दुनिया के सभी देश दो भागों में बट गए हैं. अमेरिका, भारत और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश जहां इजरायल के समर्थन में खड़े हैं. वहीं अब रूस भी जंग के मैदान में फलिस्तीनियों का साथ देते हुए नजर आ रहा है. रूस न सिर्फ फिलिस्तीन का साथ दे रहा है बल्कि उसने इस युद्ध के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. पुतिन ने बीते मंगलवार को इस युद्ध पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इस जंग में इजराइल में हिंसा का यह भयावह रूप तो दिखाता है लेकिन इस युद्ध में फलिस्तीनियों की जरूरतों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है.
पुतिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि दुनिया के बहुत से लोग मेरी बात से सहमत होंगे कि इस युद्ध में अमेरिका की राजनीति मिडल ईस्ट में विफल हुई है. पुतिन ने आगे कहा कि एक संप्रभु और स्वतंत्र देश फिलिस्तीन के निर्माण को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो निर्णय किया गया है उनको लागू करने की जरूरत है. उन्होंने कहा इस मुद्दे को हल करने में अमेरिका ने एकाधिकार जमाने की कोशिश की थी.
इजराइल ने हमास के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल ने युद्ध में अपने 3 लाख सैनिकों को उतार दिया है. युद्ध के तीसरे दिन इजराइल की सेना ने गाजा पट्टी की घेराबंदी करते हुए खाने-पीने के सामान, ईंधन व बिजली की आपूर्ति रोक दी है. इससे घबराए हुए हमास ने इजराइल के सामने संघर्ष विराम करने का प्रस्ताव दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक हमास के नेता मूसा अबू मरजूक ने कहा हमने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है. ऐसे में हम इजराइल के साथ संभावित संघर्ष विराम पर चर्चा के लिए तैयार हैं.
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