नई दिल्ली: हमास और इजराइल के बीच पिछले 12 दिनों से जंग जारी है. जिसमें तकरीबन 5,000 लोगों की मौत हो चुकी है. इसी बीच बीते मंगलवार को गाजा के एक अस्पताल में ब्लास्ट हो गया. जिसमें लगभग 500 लोगों की जान चली गई है. इस हमले के तुरंत बाद इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू […]
नई दिल्ली: हमास और इजराइल के बीच पिछले 12 दिनों से जंग जारी है. जिसमें तकरीबन 5,000 लोगों की मौत हो चुकी है. इसी बीच बीते मंगलवार को गाजा के एक अस्पताल में ब्लास्ट हो गया. जिसमें लगभग 500 लोगों की जान चली गई है. इस हमले के तुरंत बाद इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक ट्वीट किया था. जिस पोस्ट को बाद में हटा दिया गया. अब ट्वीट हटाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बता दें इस हमले का आरोप हमास और इजराइल एक दूसरे पर लगा रहे हैं. एक तरफ इजराइल हमास पर इस हमले का आरोप लगा रहा तो वहीं फिलिस्तीन के राजदूत ने नेतन्याहू को झूठा कहा है.
गाजा में एक अस्पताल पर हुए हमले के बाद सैकड़ो लोग मारे गए हैं. इस हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बीते मंगलवार को एक पोस्ट किया था. बाद में उन्होंने उस पोस्ट को हटा दिया था. जिसमें इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि यह लड़ाई रोशनी और अंधेरे के बच्चों के बीच है. यह जंगलराज और इंसानियत के बीच की लड़ाई है. हालांकि यह पोस्ट इजराइल की संसद में नेतन्याहू की टिप्पणी से था. जो पहले से ही रिकॉर्ड में है.
इजराइली पीएम के इस बयान के बाद फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने संयुक्त राष्ट्र में पलटवार किया है. उन्होंने इजराइली पीएम को झूठा बताया है. संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए मंसूर ने कहा वह झूठे हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि इजराइल ने यह सोचकर अस्पताल पर हमला किया कि उसके आसपास हमास का ठिकाना था. उसके बाद उन्होंने वह ट्वीट हटा दिया. मंसूर ने कहा कि उनके पास उस पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट है. उन्होंने आगे कहा अब इजराइल ने फिलिस्तीन को दोषी ठहराने का प्रयास करने के लिए कहानी बदल दी है.
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