नई दिल्ली : कोरोना महामारी का वह भयंकर दौर अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि एक नई बीमारी ने जन्म ले लिया। कोरोना का असर भारत में काफी गहरा था, खासकर दूसरी लहर के दौरान, जब देश झकझोर कर रह गया था। लोग सड़कों पर चीख-चिल्ला रहे थे और यहाँ तक कि अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की भी कमी हो गई थी। भारत में कोरोना महामारी के कारण लगभग 47 लाख लोगों की मौत हुई थी। अब अफ्रीका में एक नई बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति अजीबो-गरीब तरीके से नाचने लगता है। इस बीमारी का नाम “डिंगा-डिंगा” है।
यह वायरस शरीर में तेज कंपकपी का कारण बनता है, जो इतनी अधिक होती है कि देखने पर ऐसा लगता है जैसे व्यक्ति नाच रहा हो। संक्रमण के बढ़ने पर यह लकवा भी उत्पन्न कर सकता है। युगांडा के बुंदीबग्यो जिले के स्वास्थ्य अधिकारी कियिता क्रिस्टोफर के अनुसार, इस वायरस का पहली बार 2023 में पता चला था, और तब से युगांडा सरकार इसकी जांच कर रही है।
अब तक इस वायरस के कारण किसी की मौत की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को समय पर उपचार लेने की सलाह दी है। संक्रमित व्यक्तियों का इलाज बुंदीबग्यो के सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है। र्तमान में, इस बीमारी के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारी कियिता के अनुसार, संक्रमित व्यक्तियों को एंटीबायोटिक्स के माध्यम से उपचार दिया जा रहा है, जिससे ठीक होने में लगभग एक सप्ताह का समय लग रहा है।
इस बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने साफ-सफाई बनाए रखने और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। डॉ. कियिता ने कहा कि बुंदीबग्यो के अलावा अन्य किसी जिले में इस वायरस के मामले नहीं मिले हैं, हालांकि कई संदिग्ध लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। यह बीमारी 1518 में फ्रांस में फैले ‘डांसिंग प्लेग’ से मिलती-जुलती बताई जा रही है, जिसमें लोग कई दिनों तक लगातार कांपते रहते थे, और इस कारण थकावट के चलते उनकी मौत भी हो जाती थी।
युगांडा में इस बीमारी को आम भाषा में ‘डिंगा-डिंगा’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘नाचने जैसी तेज कंपकपी’। हालांकि, इसका वैज्ञानिक नाम अभी तय नहीं हुआ है। 18 साल के एक मरीज, जिन्होंने वायरस से उबरने के बाद न्यूज एजेंसी से बात की, उन्होंने कहा कि लकवा लगने के बावजूद उनका शरीर लगातार कांपता रहता था। पहले उन्हें कमजोरी महसूस हुई, फिर लकवा मार गया। वे बताते हैं कि जब भी उन्होंने चलने की कोशिश की, उनका शरीर बेकाबू होकर कांपने लगता था।
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