नई दिल्ली: कई लोग किसी न किसी सिलसिले में भारत से विदेश जाने के बारे में अक्लर सोचते हैं। कई लोग नौकरी के लिए विदेश जाते हैं या फिर कई लोग हमेशा के लिए बसने जाते हैं। परंतु कुछ लोग इस चक्कर में कभी-कभी कुछ ऐसे काम कर बैठते हैं जो उन्हें काफी भारी पड़ […]
नई दिल्ली: कई लोग किसी न किसी सिलसिले में भारत से विदेश जाने के बारे में अक्लर सोचते हैं। कई लोग नौकरी के लिए विदेश जाते हैं या फिर कई लोग हमेशा के लिए बसने जाते हैं। परंतु कुछ लोग इस चक्कर में कभी-कभी कुछ ऐसे काम कर बैठते हैं जो उन्हें काफी भारी पड़ जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां 24 साल के युवक पर बुजुर्ग का वेश धर विदेश जाने का आरोप लगा है।
इस मामले में जो जानकारी मिली है उसके माध्यम से 24 साल का एक युवक विदेश जाने के लिए इतना पागल था कि उसने गैर कानूनी तरीके से बुजुर्ग का वेश धर कर के कनाडा जाने का मन बना लिया। कनाडा जाने के लिए उसने सबसे पहले अपना फर्जी पासपोर्ट बनवाया, जिसमें उसने अपनी उम्र 67 साल लिखवाई। इसके बाद युवक ने अपने बाल और मूंछें सफेद रंग से रंगवा लिए और बुजुर्ग का वेश धर आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंचा। परंतु इतना सब करने के बाद भी प्रोफाइलिंग और बिहेवियर डिटेक्शन के आधार पर सीआइएसएफ की इंटेलिजेंस ने आरोपी युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबंधित धारा लगाकर मामले की जांच शूरू कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में सीआइएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी अपूर्व पांडेय का कहना है कि मंगलवार की देर शाम सीआइएसएफ के कर्मियों ने टर्मिनल-3 के चेक-इन क्षेत्र में एक यात्री को प्रोफाइलिंग और बिहेवियर डिटेक्शन के आधार पर पूछताछ के लिए रोका। इसके बाद शख्स ने अपना नाम रसविंदर सिंह सहोता बताया। शख्स ने कहा कि उसकी उम्र 67 साल है। जांच-पड़ताल के दौरान जब उसका पासपोर्ट देखा गया तो उसमें उसकी जन्म तिथि 10 फरवरी 1957 थी और पता जालंधर, पंजाब दर्ज था।
इस मामले में आरोपी युवक ने बताया कि वह एअर कनाडा की उड़ान संख्या एसी 043 से रात 10.50 तक भागने वाला था। परंतु सीआइएसएफ कर्मियों ने इस बात पर ध्यान दिया कि आरोपी पासपोर्ट में दी गई उम्र से भी काफी कम उम्र का लग रहा है। इतना ही नहीं सीआइएसएफ कर्मियों ने उसकी आवाज और त्वचा पर भी ध्यान दिया जो कि किसी युवक जैसी लग रही थी। इस मामले को गंभीरता से लेने के बाद आरोपी ने अपने बाल और दाढ़ी को सफेद रंग से रंगा हुआ था और वह बुजुर्ग दिखने का प्रयास कर रहा था। सुरक्षाकर्मियों ने संदेह के आधार पर आरोपी के फोन की जांच की तो पता चला की उसके फोन में एक अन्य पासपोर्ट की साफ्ट कापी भी है। उस पासपोर्ट पर उसका नाम 24 साल के युवा गुरुसेवक का नाम से दर्ज था।
इतना सब होने के बाद आरोपी ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया। उसने कहा कि जिस पर उसकी जन्म तिथि 10 जून 2000 है और जिसमें पता लखनऊ, उत्तर प्रदेश दर्ज है, वह उसका असली पासपोर्ट है। फिलहाल इस मामले में पुलिस आरोपी युवक से पूछताछ कर रही है और मामले की जांच कर रही है कि इस तरह की तरकीब युवक आखिर क्यों अपना रहा था।
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