युनुस सरकार बांग्लादेश की करेंसी टका से शेख मुजीबुर्ररहमान की फोटो हटाने वाली है। शेख मुजीबुर्ररहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और बांग्लादेश के संस्थापक हैं। करेंसी से उनकी फोटो हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नई दिल्लीः शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश के हालात खराब होते जा रहे हैं। हर रोज हिंदुओं पर हमले की खबरें सामने आ रही हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद आंख पर पट्टी बांध कर बैठे हैं। अब युनुस सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। युनुस सरकार बांग्लादेश की करेंसी टका से शेख मुजीबुर्ररहमान की फोटो हटाने वाली है। शेख मुजीबुर्ररहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और बांग्लादेश के संस्थापक हैं। करेंसी से उनकी फोटो हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नए नोटों में जुलाई में हुए छात्र आंदोलन की तस्वीर छापी जाएगी।
अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक को नए नोट छापने का आदेश दिया। केंद्रीय बैंक के अनुसार 20, 100, 500, और 1000 के नए नोटों पर शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर नहीं होगी। इन नोटों पर छात्र आंदोलन के अलावा धार्मिक संरचनाओं, बंगाली परंपराओं की तस्वीरें होंगी। केंद्रीय बैंक के अनुसार, छह महीने के अंदर नए नोट जारी किए जाएंगे। बता दें यह छात्र आंदोलन जुलाई में हुआ था, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा। इस प्रदर्शन में शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति भी गिरा दी गई थी।
शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यूनुस बांग्लादेश में अराजकता फैलाने और देश की स्थिरता को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार हैं। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हिंदू, बौद्ध, ईसाई – किसी को भी नहीं बख्शा गया है।
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