नई दिल्ली: पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय 1947 और 1971 के बाद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. शेख हसीना के पीएम पद छोड़कर भारत आ जाने के बाद बांग्लादेश के हिन्दू अब कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. पूरे देश में कट्टरपंथियों की भीड़ हिंदुओं को निशाना बना रही है. इस […]
नई दिल्ली: पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय 1947 और 1971 के बाद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. शेख हसीना के पीएम पद छोड़कर भारत आ जाने के बाद बांग्लादेश के हिन्दू अब कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. पूरे देश में कट्टरपंथियों की भीड़ हिंदुओं को निशाना बना रही है. इस दौरान हिंदुओं को उन पड़ोसी मुस्लिमों से विश्वासघात का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें उन्होंने अपना भाई माना था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेशी हिंदुओं को अपने ही गांव-मोहल्ले के लोगों का अत्याचार सहना पड़ रहा है. जिन लोगों के साथ वो कई दशकों से रह रहे तो वो लोग अब कट्टरपंथ से प्रभावित होकर उनकी जान के दुश्मन बन गए हैं. ढाका और उसके आस पास कई इलाकों में हिंदुओं पर हमला करने वाले लोग उनके ही पड़ोसी थे.
बता दें कि शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अब नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथ में बांग्लादेश की कमान है. यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया हैं. इस दौरान देश में अल्पसंख्यकों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अलग-अलग हिस्सों से हिंदुओं पर हमले की खबरें आ रही हैं. बीते दिनों प्रसिद्ध गायक राहुल आनंद के 140 साल पुराने घर को आग लगा दी गई. बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा को लेकर भारत में लोग गुस्से में हैं. लोगों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है.