नई दिल्ली। अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में जिहादियों ने फिर से कत्लेआम किया है। संदिग्ध जिहादियों ने 40 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि मरने वालों लोगों में 34 आम नागरिक और 6 सैनिक शामिल है। बुर्किना फासो के गर्वनर ने बयान जारी कर कहा है कि अज्ञात […]
नई दिल्ली। अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में जिहादियों ने फिर से कत्लेआम किया है। संदिग्ध जिहादियों ने 40 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि मरने वालों लोगों में 34 आम नागरिक और 6 सैनिक शामिल है। बुर्किना फासो के गर्वनर ने बयान जारी कर कहा है कि अज्ञात हथियारबंद लोगों ने शनिवार शाम करीब 4 बजे सैनिकों और असैन्य स्वयंसेवकों की एक टुकड़ी पर हमला किया, जिसमें 40 लोगों की मौत हो गई।
गर्वनर के बयान में कहा गया है कि इस हमले में 34 स्वयंसेवक और 6 अस्थायी सैनिकों की मौत हुई है। वहीं, 33 अन्य लोग घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुर्किना फासो क्षेत्र में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े इस्लामिक संगठनों का कब्जा है। हालांकि, अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है।
बता दें कि पिछले हफ्ते भी जिहादियों ने कहर बरपाया था। नाइजर सीमा के पास पूर्वोत्तर में आतंकियों ने 44 लोगों की सरेआम हत्या कर दी थी। इससे पहले फरवरी महीने में 51 सैनिकों की हत्या हुई थी। गौरतलब है कि बुर्किना फासो में पिछले लगभग 10 सालों से हिंसा का यह दौर जारी है। कैप्टन इब्रामिह त्रोरे के सत्ता में आने के बाद जिहादियों के हमले में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। इस बीच सरकार ने आम नागरिकों से सेना में शामिल होने की अपील की है।
बुर्किना फासो में क्यों फैली हुई है हिंसा?
पश्चिमी अफ्रीका में अशांति साल 2012 से शुरु हुई, जब माली में इस्लामवादियों ने तुआरेग अलगाववादी विद्रोह का अपहरण कर लिया। इसके बाद पड़ोसी बुर्किना फासो और नाइजर में हिंसा फैल गई। बुर्किना फासो में साल 2022 में सेना ने दो तख्तापलट किए, लेकिन इसके बाद भी देश में हिंसा का दौर नहीं थमा। अभी हाल ही में बुर्किना फासो की सैन्य समिति ने घोषणा की थी कि वो अलकायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी संगठनों के हमले का मुकबला करने के लिए राज्य को सभी आवश्यक साधन मुहैया कराएगी।