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Hijab Protest : पहली बार किसी हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारी को ईरानी सरकार देगी फांसी

नई दिल्ली : 22 वर्षीय महसा अमीनी की हिरासत में हुई मौत ने पूरी दुनिया खासकर ईरान में हिजाब कानून के विरोध में प्रदर्शन को छेड़ दिया है. 16 सितंबर से शुरू हुआ ये प्रदर्शन अभी भी जारी है. अब ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि पहली बार देश में किसी हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारी […]

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  • November 14, 2022 3:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : 22 वर्षीय महसा अमीनी की हिरासत में हुई मौत ने पूरी दुनिया खासकर ईरान में हिजाब कानून के विरोध में प्रदर्शन को छेड़ दिया है. 16 सितंबर से शुरू हुआ ये प्रदर्शन अभी भी जारी है. अब ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि पहली बार देश में किसी हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारी को मौत की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा प्रदर्शन में शामिल 5 लोगों को भी 10 साल की सजा सुनाई गई है.

5 अन्य लोगों को भी सुनाई सजा

दरअसल जिस शख्स को फांसी की सजा सुनाई गई है उसपर प्रदर्शन के दौरान कई सरकारी इमारतों में आग लगाने, दंगे भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ साजिश रचने का आरोप है. हालांकि रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि जिन लोगों को सजा दी गई है वह कोर्ट को चुनौती दे सकते हैं. ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रविवार को हिजाब कानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल 750 से अधिक लोगों पर आरोप लगाए गए हैं. ये 750 लोग तीन प्रांतों के बताए जा रहे हैं. बता दें, इससे पहले भी प्रदर्शन की शुरुआत यानी सितंबर महीने में करीब 2,000 से ज्यादा लोगों को आरोपित किया जा चुका था.

164 लोगों पर दंगों का आरोप

ईरान के दक्षिणी प्रांत होर्मोज़गन के ज्यूडिशियल चीफ मोजतबा घरेमानी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 164 लोगों पर हाल ही के दंगों में आरोपों लगाया गया है. इन लोगों पर हत्या के लिए उकसाने, सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने, शासन के खिलाफ प्रचार और सार्वजनिक संपत्ति के क्षति पहुंचाने का आरोप है.

क्या है पूरा विवाद?

हिजाब को लेकर 22 वर्षीय ईरानी लड़की महसा अमीनी की कस्टोरियल मौत ने अब पूरे देश की महिलाओं के अंदर हिजाब कानून के खिलाफ चिंगारी भर दी है. पुलिस की हिरासत के दौरान रहस्यमयी तरीके से हुई महिला की मौत से ईरान की कई महिलाएं इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. कभी बाल काटकर तो कभी अपने हिजाब जलाकर ईरान में लोग अपना विरोध दर्ज़ करवा रहे हैं. बीते दिनों बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी जान भी गंवाई.

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