बहादुर चूहा जिसने हजारों लोगों की बचाई जान, ऐसे कुतरता था दुश्मनों के जाल

नई दिल्ली: साल 2022 का अंतिम महीना चल रहा है. 2022 में कुछ ऐसी चीजें हुईं जिन्हें हम शायद कभी नहीं भुला पाएंगे. साल 2022 में दुनिया ने एक ऐसे वीर चूहे को खो दिया जिसने अपने जीवन में हजारों लोगों की जान बचाई. इस चूहे को गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया था। […]

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बहादुर चूहा जिसने हजारों लोगों की बचाई जान, ऐसे कुतरता था दुश्मनों के जाल

Deonandan Mandal

  • December 12, 2022 3:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: साल 2022 का अंतिम महीना चल रहा है. 2022 में कुछ ऐसी चीजें हुईं जिन्हें हम शायद कभी नहीं भुला पाएंगे. साल 2022 में दुनिया ने एक ऐसे वीर चूहे को खो दिया जिसने अपने जीवन में हजारों लोगों की जान बचाई. इस चूहे को गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया था।

बारूद सूंघकर लगा लेता था पता

इस बहादुर चूहे का नाम मगावा था और यह कंबोडिया के बन निरोधक दस्ते में था. मगावा सूंघकर पता लगा लेता था कि बारूदी सुरंग कहां पर है और ऐसा करके उसने अपने जीवन में हजारों लोगों की जान बचाई. मगावा चूहे को इस तरह ट्रेनिंग दी गई थी कि वह बारूदी सुरंग का आसानी से पता लगा सके. वह बारूद को सूंघकर उसकी देखभाल करने वाले को अलर्ट कर देता था. जानकारी के अनुसार बहादुर चूहे मगावा ने अपने करियर में 71 लैंडमाइन्स का पता लगाया. इसके अलावा 38 जिंदा बमों की जानकारी उसकी देखभाल करने वाले को दी. मगावा ने अपने 5 साल के करियर में बहुत सारे लोगों की जान बचाई।

मिला गोल्ड मेडल

बम स्निफिंग टीम के सदस्य रहे चूहे मगावा को उसकी बहादुरी पर ब्रिटिश चैरिटी की तरफ से गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. ब्रिटिश चैरिटी का ये इनाम पहले खासकर Dogs के लिए आरक्षित था, लेकिन इस बहादुर चूहे को भी यह सम्मान दिया गया. मालूम हो जब मगावा को जब कंबोडिया लाया गया था तब उसकी उम्र केवल 2 साल की थी.

1.4 लाख वर्ग मीटर से अधिक जमीन की पड़ताल की

गौरतलब है कि बेल्जियम के एनजीओ APOPO की ओर से चूहे मगावा को ट्रेनिंग दी गई थी. मगावा को बमों और बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए इसे ट्रेन किया गया था. कहा जाता है कि चूहे मगावा ने अपने 5 साल के करियर में 1.4 लाख वर्ग मीटर से अधिक जमीन की पड़ताल की. आपको बता दें कि जनवरी, 2022 में 8 साल की उम्र में मगावा ने दुनिया को अलविदा कह दिया. कंबोडिया में कई लोगों ने बहादुर मगावा की मौत पर दुख जताया था. मगावा की मौत के बाद APOPO संस्था ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी लोगों की जान बचाने में लगा दिया।

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