नई दिल्ली: पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन का बुरा प्रभाव दिखने लगा है. पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहे तापमान और द्वीपीय देशों पर बढ़ता बाढ़ का खतरा इस बात का संकेत दे रहा है कि मानव जाति पर जलवायु परिवर्तन सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने जलवायु परिवर्तन को […]
नई दिल्ली: पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन का बुरा प्रभाव दिखने लगा है. पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहे तापमान और द्वीपीय देशों पर बढ़ता बाढ़ का खतरा इस बात का संकेत दे रहा है कि मानव जाति पर जलवायु परिवर्तन सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने जलवायु परिवर्तन को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं जैस सूखा, बाढ़, तूफान, बढ़ती गर्मी की वजह से साल 2016 से 2021 के बीच दुनिया भर से 4.3 करोड़ बच्चे विस्थापित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा जारी की गई रिपोर्ट कहा गया है कि 2016 से 2021 के मध्य, बाढ़, सूखा ,जंगल में आग लगने और तूफान की वजह से दुनिया भर के 44 देशों से तकरीबन 4.3 करोड़ से अधिक बच्चे विस्थापित हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि तूफान और बाढ़ की वजह से सबसे अधिक 95 फीसदी बच्चों को विस्थापित होना पड़ा है. इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में विस्थापन के संबंध में भविष्यवाणी भी की गई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले 30 सालों में बाढ़ की वजह से लगभग 10 करोड़ बच्चे और विस्थापित हो सकते हैं.
रिपोर्ट में आपदा से प्रभावित बच्चों से बातचीत के कुछ अंश भी प्रकाशित किये गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि बाढ़ के प्रकोप से प्रभावित सूडान के रहने वाले एक बच्चे खालिद अब्दुल अजीम ने बात करते हुए जानकारी दी थी कि उसने बाढ़ के कारण अपना सारा सामान सड़क पर रख दिया. क्योंकि पुरा गांव बाढ़ में डूब गया था. वहीं साल 2017 की एक घटना को याद करते हुए दो बहनें ने माइया ब्रावो और मिया ब्रावो ने बताया कि अमेरिका के कैलिफोर्निया में फैमिली वैन के पीछे से अपने ट्रेलर में आग लगते हुए देखी है.
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