जापान में मांस खाने वाली बीमारी का आतंक, 48 घंटे में हो रही है मरीज की मौत, जानें कैसे बचें

जापान में एक खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसे "मांस खाने वाला बैक्टीरिया" कहा जा रहा है। यह बीमारी 48 घंटे के भीतर जान ले

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जापान में मांस खाने वाली बीमारी का आतंक, 48 घंटे में हो रही है मरीज की मौत, जानें कैसे बचें

Anjali Singh

  • August 18, 2024 8:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: जापान में एक खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसे “मांस खाने वाला बैक्टीरिया” कहा जा रहा है। यह बीमारी 48 घंटे के भीतर जान ले सकती है। खासकर 15 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को इसका सबसे ज्यादा खतरा है। आइए, जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से।

क्या है यह बीमारी?

यह बीमारी “स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS)” से होती है। इसमें बैक्टीरिया शरीर के टिशू को तेजी से नुकसान पहुंचाता है, जिससे सूजन, गले में खराश, और असहनीय दर्द होता है। अगर समय रहते इलाज नहीं हुआ, तो 48 घंटे में मरीज की मौत हो सकती है। जापान में अब तक इस बीमारी के 1,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

कैसे फैलता है यह बैक्टीरिया?

यह बैक्टीरिया सीधे मांस नहीं खाता, बल्कि शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देता है। इसलिए इसे “मांस खाने वाला बैक्टीरिया” कहा जाता है। इसके संक्रमण से टिशू मरने लगते हैं, जिससे शरीर में जलन, सांस लेने में दिक्कत और अंगों का फेल होना जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

क्या कर रहे हैं जापान के स्वास्थ्य अधिकारी?

जापान के स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है। लोगों को बीमारी के खतरों से जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल के अंत तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 30% तक बढ़ सकती है। यह बीमारी अब यूरोप के कुछ देशों में भी फैल चुकी है, जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस और नीदरलैंड शामिल हैं।

इस बीमारी से बचने के उपाय

1. साफ-सफाई बनाए रखें: बार-बार हाथ धोएं और मास्क पहनें। किसी भी खुले घाव का तुरंत इलाज कराएं।

2. संक्रमण का इलाज तुरंत कराएं: अगर आपको संक्रमण के लक्षण दिखें, जैसे सूजन, तेज दर्द, या बुखार, तो बिना देरी डॉक्टर से मिलें।

3. घावों की देखभाल करें: संक्रमित घाव को साफ और सूखा रखें। डॉक्टर द्वारा बताए गए ड्रेसिंग का ही इस्तेमाल करें।

4. आइसोलेशन का पालन करें: अगर डॉक्टर सलाह दें, तो खुद को दूसरों से अलग रखें ताकि संक्रमण और न फैले।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में गले में खराश, शरीर में सूजन, तेज दर्द, बुखार, और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सावधानी ही बचाव है: इस खतरनाक बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप साफ-सफाई का ध्यान रखें और किसी भी संक्रमण को हल्के में न लें। समय पर इलाज से आप इस जानलेवा बीमारी से बच सकते हैं।

 

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