नई दिल्ली: टेलीग्राम के इंडिया में करीब 50 लाख रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। लेकिन अब इस मैसेजिंग ऐप पर जबरन वसूली और जुआ जैसी आपराधिक गतिविधियों के आरोपों की जांच चल रही है। अगर इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो सरकार इस ऐप पर प्रतिबंध लगा सकती है।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14C) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) टेलीग्राम के पी2पी (P2P) कम्युनिकेशन सिस्टम की गहन जांच कर रहे हैं। इसमें खासतौर पर जबरन वसूली और जुआ जैसे आपराधिक मामलों को ध्यान में रखा जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो टेलीग्राम पर बैन लग सकता है।
यह मामला तब और गंभीर हो गया जब टेलीग्राम के 39 साल के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव को 24 अगस्त को पेरिस में गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि टेलीग्राम की मॉडरेशन पॉलिसी कमजोर है और आपराधिक गतिविधियों को रोकने में विफल रही है।
हाल ही में UGC-NEET पेपर लीक मामले में भी टेलीग्राम का इस्तेमाल किया गया था। इस विवाद में आरोप लगा कि मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के प्रश्नपत्र टेलीग्राम पर लीक हुए थे और 5,000 से 10,000 रुपये में बेचे जा रहे थे। टेलीग्राम की एन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजी की वजह से मैसेज को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है, जिससे यह प्लेटफॉर्म आपराधिक गतिविधियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन जाता है।
सरकारी अधिकारी ने संकेत दिए हैं कि अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो टेलीग्राम पर इंडिया में बैन लग सकता है। फिलहाल, गृह मंत्रालय और MeitY इस मामले पर गहन नजर रखे हुए हैं।
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