टेलीग्राम के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव को फ्रांस के पेरिस के बाहर स्थित बार्गेट एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स
नई दिल्ली: टेलीग्राम के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव को फ्रांस के पेरिस के बाहर स्थित बार्गेट एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डुरोव के खिलाफ पहले से ही वारंट जारी था। जब वह अपने प्राइवेट जेट से फ्रांस पहुंचे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फ्रांस में टेलीग्राम पर कंटेंट मॉडरेशन में कमी बरतने के आरोप लगे हैं। फ्रांस की पुलिस का दावा है कि उनके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल गैर-कानूनी गतिविधियों जैसे ड्रग तस्करी, यौन शोषण संबंधित सामग्री साझा करना और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कामों के लिए किया जा रहा था। इसी मामले में पावेल डुरोव को गिरफ्तार किया गया है।
पावेल डुरोव की गिरफ्तारी को लेकर अभी तक टेलीग्राम की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, फ्रांस सरकार और पुलिस ने भी इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डुरोव की गिरफ्तारी तब की गई जब वह अजरबैजान से फ्रांस पहुंचे। खास बात यह है कि पिछले कुछ समय से पावेल डुरोव गिरफ्तारी के डर से फ्रांस और यूरोप के कई देशों की यात्रा करने से बच रहे थे।
हालांकि टेलीग्राम ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह इस मामले पर नजर बनाए हुए है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि स्थिति स्पष्ट होने पर वे इस पर कदम उठाएंगे और डुरोव की रिहाई की मांग करेंगे।
पावेल डुरोव का जन्म रूस में हुआ था और वह 39 साल के हैं। वह टेलीग्राम के फाउंडर और सीईओ हैं, जो दुनिया का एक बड़ा मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है। 2021 में फ्रांस और रूस की मीडिया में खबरें आई थीं कि डुरोव फ्रांस के नागरिक बन गए हैं। टेलीग्राम को 2017 से दुबई से ऑपरेट किया जा रहा है। फोर्ब्स के अनुसार, डुरोव की नेट वर्थ करीब 15.5 बिलियन डॉलर है। अगर उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं, तो उन्हें 20 साल तक की सजा हो सकती है।
फ्रांस सरकार का कहना है कि टेलीग्राम पर कंटेंट मॉडरेशन में गंभीर लापरवाही बरती गई है। इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए हो रहा था, जिनमें ड्रग तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और यौन शोषण सामग्री का प्रसार शामिल है। फ्रांस ने कई बार टेलीग्राम से इन गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कंपनी की ओर से इसे अनदेखा किया गया। इसी वजह से अब पावेल डुरोव की गिरफ्तारी की गई है।
अगर पावेल डुरोव पर लगे आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें 20 साल तक की सजा हो सकती है। उनकी गिरफ्तारी से टेलीग्राम की छवि पर भी असर पड़ सकता है। साथ ही, अन्य देशों में भी टेलीग्राम के संचालन पर सवाल उठ सकते हैं। अब देखना होगा कि रूस और फ्रांस इस मामले को कैसे हल करते हैं और पावेल डुरोव की आगे की रणनीति क्या होती है।
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