नई दिल्ली, अफगानिस्तान में तालिबान दिन प्रतिदिन अपने अजीबोगरीब फरमान वहां की अवाम के सर मढ़ते नज़र आता है. अब एक बार फिर अफगानिस्तान की महिलाओं को खुद को ढंकने के लिए तालिबान ने अपना फरमान जारी किया है. इस बार इसकी सजा पुरुषों को दी है. पुरुषों को मिलेगी सजा तालिबान की हुकूमत जबसे […]
नई दिल्ली, अफगानिस्तान में तालिबान दिन प्रतिदिन अपने अजीबोगरीब फरमान वहां की अवाम के सर मढ़ते नज़र आता है. अब एक बार फिर अफगानिस्तान की महिलाओं को खुद को ढंकने के लिए तालिबान ने अपना फरमान जारी किया है. इस बार इसकी सजा पुरुषों को दी है.
तालिबान की हुकूमत जबसे अफगानिस्तान की सत्ता में आयी है वहाँ महिलाओं को लेकर कानून और भी सख्त कर दिए गए हैं. इसमें बुर्का पहनना और सार्वजानिक जगहों पर खुदको ढ़कना भी शामिल है. इसी कड़ी में एक और बार तालिबान ने शनिवार को अपना फरमान जारी कर दिया है. इस फरमान में अब महिलाओं द्वारा बुर्का न पहनने की सजा उनके पति, पिता या परिवार के किसी पुरुष सदस्यों को दी जाएगी. इस फरमान के अनुसार अगर कोई महिला अपने घर से बाहर निकलते वक़्त चेहरा नहीं ढकती है तो उनके पिता और करीबी पुरुष को इस बात की सजा दी जाएगी.
इस समबंध में संबंधित पुरुष को नौकरी से निकला जा सकता है साथ ही
आदेश के मुताबिक़, चेहरा ढंकने वाला सबसे आदर्श लिबास नीले रंग के बुर्क़े को माना गया है. उसे नौकरी मिलने में आगे परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. बता दें, साल 1996 से साल 2001 के बीच अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत थी. इस दौरान नीले रंग के बुर्के को काफी बढ़ावा मिला था. दुनिया भर के लोग इस नीले बुर्के को तालिबान का प्रतीक मानने भी लगे थे.
आपको जानकर हैरानी होगी कि अफगानिस्तान में जारी फरमान को लेकर पूरी दुनिया में तालिबान की आलोचना की जा रही है. बता दें कि यहां सबसे ज़्यादा रोक महिलाओं की आज़ादी पर लगाए गये हैं. जहां महिलाएं प्लेन में अकेले किसी पुरुष के बिना यात्रा नहीं कर सकती. साथ ही 70 किलोमीटर से अधिक के सफर के लिए भी महिलाओं को अपने साथ एक पुरुष को ले जाने की अनिवार्यता है. इसके अलावा एम्यूजमेंट पार्क और नॉर्मल पार्कों में महिलाओं और पुरुषों का एक साथ जाना प्रतिबंधित है. दोनों के मेलजोल को तालिबान द्वारा शरीयत के खिलाफ बताया गया है.
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