नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से वहां लगातार विवादित फरमान जारी किए जा रहे हैं. नए आदेश के मुताबिक सरकार ने काबुल यूनिवर्सिटी और काबुल पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के लड़के-लड़कियों की पढ़ाई के लिए अलग-अलग दिन तय किए हैं. फैसले का हो रहा कड़ा विरोध विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से लेकर […]
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से वहां लगातार विवादित फरमान जारी किए जा रहे हैं. नए आदेश के मुताबिक सरकार ने काबुल यूनिवर्सिटी और काबुल पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के लड़के-लड़कियों की पढ़ाई के लिए अलग-अलग दिन तय किए हैं.
विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से लेकर छात्रों तक तालिबानी सरकार के इस फैसले का विरोध किया गया है. विश्वविद्यालय के लेक्चरर महदी अरेफी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में सरकार का हस्तक्षेप सकारात्मक दिशा में होना चाहिए और सरकार को नई सुविधाओं के साथ नए अवसर प्रदान करने चाहिए. लेकिन यहां सरकार की ओर से अनावश्यक हस्तक्षेप हो रहा है.
मोहम्मद रमीन नाम के एक छात्र ने कहा कि फिलहाल हम एक दिन में तीन विषयों की पढ़ाई करते हैं, लेकिन नए शेड्यूल के मुताबिक एक दिन में 6 विषयों की पढ़ाई करनी होगी. जो छात्रों की क्षमता से परे है. सरकार के इस फैसले का सोशल मीडिया पर भी विरोध हो रहा है. छात्रों का कहना है कि नए फरमान से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा.
उच्च शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नई समय सारिणी के आधार पर खामा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सप्ताह में तीन दिन लड़कियों को विश्वविद्यालय जाना होगा जबकि शेष तीन दिन लड़कों को जाना होगा. यह समय सारिणी फिलहाल दो विश्वविद्यालयों के लिए तैयार की गई है और यह मई में लागू होगी.
इससे पहले तालिबान ने विश्वविद्यालय में लड़कों और लड़कियों के पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था और लड़कियों को सुबह की कक्षाओं में बैठने की अनुमति थी, जबकि लड़कों को शाम को. यह फरमान तब आता है जब लड़कियों के लिए माध्यमिक विद्यालय पूरे अफगानिस्तान में फिर से खुलने वाले हैं.