राष्ट्रपति असद के देश छोड़कर भागते ही ईरानी दूतावास विद्रोही गुटों के निशाने पर आ गया है. खबर है कि राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर हमला हुआ है. बंदूकधारियों के एक ग्रुप ने यहां पर हमला किया और जमकर तोड़-फोड़ की है.
नई दिल्ली: सीरिया में लंबे गृह युद्ध के बाद विद्रोही गुटों को सत्ता मिल गई है. राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़ चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरियाई सेना ने राष्ट्रपति असद के देश छोड़ने की पुष्टि कर दी है. इसके साथ ही उनकी सत्ता के खात्मे की भी बात कही है.
राष्ट्रपति असद के देश छोड़कर भागते ही ईरानी दूतावास विद्रोही गुटों के निशाने पर आ गया है. खबर है कि राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर हमला हुआ है. बंदूकधारियों के एक ग्रुप ने यहां पर हमला किया और जमकर तोड़-फोड़ की है. बता दें कि राष्ट्रपति असद को ईरान का समर्थन प्राप्त थी. असद के शिया होने की वजह से ईरान उसका समर्थन करता था.
वहीं, सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल जलाली ने एक वीडिया जारी कर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह विद्रोहियों को सत्ता सौंपने के लिए तैयार हैं. पीएम गाजी ने कहा कि उनका देश को छोड़कर जाने का कोई इरादा नहीं है. वह सीरिया में ही रहेंगे और जनता जिसे चुनेगी, उसके साथ मिलकर भविष्य में काम करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया लगभग-लगभग विद्रोहियों के हाथ में जा चुका है. राजधानी दमिश्क के साथ ही सीरिया के चार बड़े शहर-अलेप्पो, हमा, दारा और होम्स विद्रोहियों के कब्जे हैं. इसके अलावा बाकी अन्य शहरों के भी जल्द ही विद्रोहियों के कब्जे में आने की संभावना है. हालांकि, अभी कुछ हिस्सों में सेना ने अपना कब्जा बनाया हुआ है.
बता दें कि राष्ट्रपति असद के बारे में संभावना जताई जा रही है कि वह सीरिया छोड़कर रूस जा चुके हैं. हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं है लेकिन रूस के साथ असद के करीबी रिश्ते को देखते हुए यह दावा किया जा रहा है कि वह वहीं गए होंगे. मालूम हो कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और असद की अच्छी दोस्ती है.
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