नई दिल्लीः इसरो के चांद मिशन चंद्रयान-तीन की सफलता को स्वीडन के अंतरिक्ष यात्री ने सराहा है। स्वीडिश अंतरिक्ष यात्री ने बोला है की चंद्रयान-तीन की सफलता अद्भुत और अत्युत्तम है। उनका कहना है कि वह ऐसे ही एक अगले भारतीय मिशन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने गगनयान मिशन […]
नई दिल्लीः इसरो के चांद मिशन चंद्रयान-तीन की सफलता को स्वीडन के अंतरिक्ष यात्री ने सराहा है। स्वीडिश अंतरिक्ष यात्री ने बोला है की चंद्रयान-तीन की सफलता अद्भुत और अत्युत्तम है। उनका कहना है कि वह ऐसे ही एक अगले भारतीय मिशन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने गगनयान मिशन पर भी बात की। उन्होंने बताया है कि भारत और स्वीडन अंतरिक्ष क्षेत्र में एक साथ काम भी कर सकते हैं।
स्वीडिश अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टर फुगलेसांग ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि विक्रम लैंडर और रोवर जिस तरह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड हुआ, वह बेहद अद्भुत था। पूरी दुनिया इस बेहतरीन उपलब्धि के लिए भारत और इसरो की सराहना कर रही है। मैं भारत के अगले मिशन का इंतजार कर रहा हूं। एक अंतरिक्ष यात्री होने के नाते मैं अब भारतीय रॉकेट और भारतीय कैप्सूल के साथ भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की गगनयान में उड़ान देखना चाहता हूं। मैं गगनयान मिशन के लिए उत्साहित हूं।
फुगलेसांग ने आगे कहा कि स्वीडन और भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में एक साथ कार्य कर सकते हैं और इसकी काफी संभावनाएं भी हैं। स्वीडिश अंतरिक्ष निगम भी अंतरिक्ष के सतत उपयोग के लिए सेवाओं को बढ़ाने का कार्य कर रहा है। अंतरिक्ष स्थिरता और जलवायु चुनौतियों से निपटने में अंतरिक्ष अन्वेषण मुख्य भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि भारत और स्वीडन के पास एक साथ काम करने की काफी संभावनाएं हैं। स्वीडन बड़ा देश तो नहीं है लेकिन कुछ चीजों में हमारे पास बहुत अधिक क्षमता है। भारत के साथ काम करके हम भारत को वह सब दे सकते हैं, जिसकी उसे जरूरत है। हम एक-दूसरे के अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। हमें साथ काम करने के तरीकों को ढूंढना होगा।
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