नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले 46 दिनों से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. अंतरिक्ष से पृथ्वी पर उन्हें 13 जून को आना था लेकिन अभी तक दोनों यात्री वहीं फंंसे हुए हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतरिक्ष में अब […]
नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले 46 दिनों से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. अंतरिक्ष से पृथ्वी पर उन्हें 13 जून को आना था लेकिन अभी तक दोनों यात्री वहीं फंंसे हुए हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतरिक्ष में अब दूसरी रिसर्च पर भी काम करना शुरू कर दिया है जिसमें वो भारहीन परिवेश में पौधों को पानी देने के तरीके की खोज कर रहे हैं.
दरअसल अंतरिक्ष में ग्रैविटी ना होने के कारण पौधों को पानी देते ही वो हवा में तैरने लगता है. पौधों को जरूरत के अनुसार पानी ना मिल पाने के कारण पौधा उगाने में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी माइक्रोग्रैविटी समस्या से निजाद पाने के लिए सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर ने वॉटर प्लांट मैनेजमेंट हार्डवेयर तैयार किया है और हाइड्रोपॉनिक्स, वायु परीक्षण करके कई प्रयोग किए. दोनों वैज्ञानिक समझना चाहते हैं कि कैसे अंतरिक्ष में पौधों को अच्छे ढंग से उगाया जाए. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने पूरे प्रयोग का वीडियो भी बनाया है.
पिछले कई दिनों से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स और सहयोगी बुच विल्मोर के इस प्रयोग की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं और उनकी हिम्मत को सलाम कर रहे हैं.
सुनीता विलियम्स ने 5 जून को अंतरिक्ष के लिए बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल से उड़ान भरी थी, जिनके वापस आने की तिथि 13 जून को तय की गई थी लेकिन वो 21 जुलाई तक अंतरिक्ष में ही फंसी हुई हैं. अब दोनों के वापस पृथ्वी पर जल्द लौटने की उम्मीद है क्योंकि हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के वाणिज्यिक चालक दल कार्यक्रम प्रमुख स्टीव स्टिच ने बताया कि वे सुरक्षित हैं और हमें कोई जल्दबाजी नहीं करनी है.
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