नई दिल्ली। सूडान में सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच चल रहे सत्ता की लड़ाई में कम से कम 270 लोगों की मौत की खबर आयी हैं वहीं घायलों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बता दें कि भारत के कई नागरिक सूडान में फंसे हुए है जिन्हे निकालने के […]
नई दिल्ली। सूडान में सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच चल रहे सत्ता की लड़ाई में कम से कम 270 लोगों की मौत की खबर आयी हैं वहीं घायलों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बता दें कि भारत के कई नागरिक सूडान में फंसे हुए है जिन्हे निकालने के लिए भारत का विदेश मंत्रालय सतत प्रयास कर रहा है। WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने बताया कि ये जानकारी उन्हें सूडान के मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर से मिली है।
सूडान में देश की सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच लड़ाई चल रही है जिसकी शुरुआत तब हुई जब सूडान में 2021 के अक्टूबर में तख्तापलट हुआ। यह युद्ध 15 अप्रैल को सूडान की राजधानी खार्तूम में हुए धमाकों से बढ़ गया। सूडान की सेना और RSF पहले रविवार को और फिर सोमवार को 3 घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए थे लेंकिन बढ़ते मामलों को देख कर साफ है कि दोनों ही पक्ष कोई विराम नही चाहता है। अभी तक इसके चलते 270 मौत हुई है वहीं 2,600 लोग घायल भी है।
सूडान में 2019 में भी विद्रोह हो चुका है वहीं यहां लंबे समय से सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश चल रही हैं लेकिन कुछ भी स्थायी स्थिति में नहीं पहुंच रहा। सूडानी सेना काफी प्रभावशाली शक्ति रही है जिसके कारण यहां बार-बार तख्तापलट होता है। सूडानी सेना दो साल में ही RSF को अपना हिस्सा बनाना चाहती है, इसी मुद्दे पर दोनों के बीच तनाव बढ़ा। जिसके बाद RSF ने मेरोवे में मिलिट्री स्टेशन के पास अपने सैनिक तैनात कर दिए। इस संघर्ष के पीछे RSF मुखिया जनरल मोहम्मद हमदान और सेना के जनरल अब्देल फतह अल बुरहान की निजी लालसाएं भी हैं जिसे लेकर दोनों के बीच का संघर्ष अब काफी बड़ा हिंसक रूप ले चुका है। दोनों एक-दूसरे पर हमले की शुरुआत करने का आरोप लगा रहे हैं।
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