नई दिल्ली: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़ 5 अगस्त को भारत आ गईं। फिलहाल वह गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर स्थित एक सेफ हाउस में हैं। उधर बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। इस बीच अंतरिम सरकार के […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़ 5 अगस्त को भारत आ गईं। फिलहाल वह गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर स्थित एक सेफ हाउस में हैं। उधर बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। इस बीच अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार के प्रमुख यूनुस और कानून मंत्रालय निर्देश दे तो हम शेख हसीना को भारत लाने की कोशिश करेंगे।
बता दें कि पड़ोसी देश में हुई हिंसा में कई लोगों की जान चली गई। कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घर को जलाया, मंदिर लूटे और अल्पसंख्यंक महिलाओं के साथ बदतमीज़ी की। हिंसा में चुन-चुनकर हिंदू घरों में आग लगाया गया। अत्याचार जब बर्दाश्त से बाहर हो गया तो हिंदू सड़क पर उतर आये हैं। शुक्रवार को राजधानी ढाका की सड़कों पर उतरे हिंदुओं ने कहा कि बांग्लादेश किसी के बाप नहीं है। हमने इस देश को खून दिया है। जरूरत पड़ी तो आगे भी खून देंगे लेकिन देश छोड़कर कहीं और नहीं जायेंगे।
अल्पसंख्यंकों के लिए फास्ट ट्रैक ट्राइब्यूनल का गठन हो।
अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून लागू किया जाए।
हिंदू रिलीजन वेलफेयर ट्रस्ट फाउंडेशन बनाया जाए।
पाली एजुकेशन बोल्ड मॉडर्न बनाया जाये।
दुर्गा पूजा के दौरान 5 दिनों का अवकाश हो।
अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन किया जाये।
हिंदुओं के सैलाब और भारत के दबाव के सामने बांग्लादेश ने टेके घुटने, बोला शेख हसीना…