हांगकांग में अजब चुनाव, सिर्फ देशभक्तों को मिली वोटिंग की इजाजत, मात्र 27% हुआ मतदान

नई दिल्लीः हॉन्ग कॉन्ग में रविवार को डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के लिए मतदान किया गया था। दरअसल इस मतदान में सिर्फ 27.5 फीसदी वोटिंग हुई, जो कि हॉन्ग कॉन्ग के इतिहास का सबसे कम मतदान प्रतिशत है। इतने कम मतदान प्रतिशत के कारण सरकार के उस आदेश को माना जा रहा है, जिसमें सिर्फ देशभक्तों को […]

Advertisement
हांगकांग में अजब चुनाव, सिर्फ देशभक्तों को मिली वोटिंग की इजाजत, मात्र 27% हुआ मतदान

Tuba Khan

  • December 11, 2023 2:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्लीः हॉन्ग कॉन्ग में रविवार को डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के लिए मतदान किया गया था। दरअसल इस मतदान में सिर्फ 27.5 फीसदी वोटिंग हुई, जो कि हॉन्ग कॉन्ग के इतिहास का सबसे कम मतदान प्रतिशत है। इतने कम मतदान प्रतिशत के कारण सरकार के उस आदेश को माना जा रहा है, जिसमें सिर्फ देशभक्तों को ही मतदान करने का आदेश है। बता दें हॉन्ग कॉन्ग में बीते वक्त लोकतंत्र की मांग जोर पकड़ रही थी, जिसके खिलाफ चीन की सरकार ने सख्त कार्रवाई की और लोकतंत्र समर्थकों को देशविरोधी करार देने का प्रयास किया । यही वजह है इस बार सरकार की तरफ से अपील की गई थी कि सिर्फ देशभक्त ही मतदान कर सकेंगे।

पिछली बार के मुकाबले मतदान में कमी

रविवार को हुए मतदान में महज 27.54 फीसदी मतदान हुआ और हॉन्ग कॉन्ग की कुल 43 लाख की आबादी में से 12 लाख लोगों ने ही मतदान किया था। इससे पहले साल 2019 में हॉन्ग कॉन्ग में डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के चुनाव हुए थे, उस दौरान देश में लोकतंत्र की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी चल रहे थे। गौर करने वाली बात है कि उस समय 71 प्रतिशत मतदान हुआ था और लोकतंत्र समर्थक पार्टियों ने जीत हासिल कर अपनी सरकार बनाई थी।

सरकार ने लागू किया कानून

हालांकि उसके बाद लोकतंत्र समर्थकों के खिलाफ चीन की सरकार ने कानून लागू कर दिया। मई में लागू हुए इस कानून के अधीन सीधे तौर पर चुनी जाने वाली 462 सीटों की संख्या घटाकर महज 88 कर दी गई। अन्य 382 सीटें सिटी लीडर और सरकार के करीबी ग्रामीण क्षेत्रों में जमींदारों द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। साथ ही चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों का नामांकन सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्यों वाली कमेटी करती है, जिसके कारण लोकतंत्र समर्थकों का चुनावी प्रक्रिया में आना लगभग असंभव हो गया है। साथ ही पुलिस भी लोकतंत्र समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई जारी रख रही है।

यह भी पढ़ें- http://Jabalpur: फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर आदिवासी जमीन का घपला, ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया केस

 

 

 

Advertisement