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हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो! भरी संसद में विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को लताड़ा

अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित मुद्दे को उठाते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर बहुत करीबी नजर रख रहे हैं। उदाहरण के लिए, मैं सदन को बताना चाहूंगा कि अकेले फरवरी महीने में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार के 10 मामले सामने आए हैं।

External Affairs Minister S Jaishankar
inkhbar News
  • March 28, 2025 9:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 days ago

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत पाकिस्तान में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर कड़ी नजर रख रहा है और इन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है। संसद के चल रहे बजट सत्र के दौरान लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उनकी टिप्पणी आई। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर संयुक्त राष्ट्र में चिंता जताई गई है ताकि इस मामले पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया जा सके।

सदन में गरजे जयशंकर

अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित मुद्दे को उठाते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर बहुत करीबी नजर रख रहे हैं। उदाहरण के लिए, मैं सदन को बताना चाहूंगा कि अकेले फरवरी महीने में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार के 10 मामले सामने आए हैं। उनमें से सात अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित मामले दो। दो अपहरण से संबंधित थे। एक होली मना रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से संबंधित था।

सिखों की बेटी का अपहरण

विदेश मंत्री ने अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों का भी विस्तृत सदन में रखा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं। एक मामले में सिख परिवार पर हमला किया गया था, जबकि दूसरे मामले में एक सिख परिवार को पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने पर धमकाया गया। समुदाय की एक लड़की के अपहरण और धर्म परिवर्तन का मामला भी सामने आया।

अहमदिया और ईसाई समुदायों के खिलाफ अन्याय

पाकिस्तान में अहमदिया और ईसाई समुदायों के खिलाफ अन्याय का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ‘अहमदिया समुदाय से जुड़े दो मामले थे। एक मामले में मस्जिद को सील कर दिया गया और दूसरे में 40 कब्रों को अपवित्र किया गया। एक ऐसा मामला भी था जिसमें कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर एक ईसाई व्यक्ति पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया।