नई दिल्ली, आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को गुरुवार को अपना नया प्रधानमंत्री मिल गया है. Ranil Wickremesinghe श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री घोषित किए गए हैं. पहले इस रेस में विपक्षी पार्टी के ही नेता साजिथ प्रेमदासा सबसे आगे बताए जा रहे थे. उन्होंने राष्ट्रपति राजपक्षे को अपनी तरफ से एक चिट्ठी भी लिखी […]
नई दिल्ली, आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को गुरुवार को अपना नया प्रधानमंत्री मिल गया है. Ranil Wickremesinghe श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री घोषित किए गए हैं. पहले इस रेस में विपक्षी पार्टी के ही नेता साजिथ प्रेमदासा सबसे आगे बताए जा रहे थे. उन्होंने राष्ट्रपति राजपक्षे को अपनी तरफ से एक चिट्ठी भी लिखी थी, लेकिन अब श्रीलंका को आर्थिक संकट के बाहर निकालने की जिम्मेदारी रानिल विक्रमसिंघे के कंधों पर आ गई है.
श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री घोषित किए जा चुके हैं. श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी की सिर्फ एक सीट है. देश की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी 2020 में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, यहाँ तक की यूएनपी के गढ़ कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे भी हार गए थे. बाद में वह कम्युलेटिव नेशनल वोट के आधार पर यूएनपी को आवंटित राष्ट्रीय सूची के माध्यम से संसद पहुंचे थे.
श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें फिर से इस पद पर बहाल कर दिया था.
खबरों के मुताबिक, सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना, विपक्षी समगी जन बालावेगाया और कई अन्य दलों ने संसद में विक्रमसिंघे को अपना समर्थन भी दिया था. मालूम हो कि विक्रमसिंघे के साथी रहे सजीत प्रेमदासा ने बाद में उनसे अलग होकर अलग दल एसजेबी बना लिया था, को मुख्य विपक्षी दल बना.
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