नई दिल्ली, श्रीलंका के राजनीतिक संकट की सबसे बड़ी वजह वहां की सरकार की आर्थिक नीतियां हैं सरकार के गलत फैसलों का असर ये हुआ है कि देश में खाने-पीने और राशन की सामान्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं. लोगों के लिए खाना-पीना भी दूभर हो गया, इसका नतीजा ये हुआ कि अब […]
नई दिल्ली, श्रीलंका के राजनीतिक संकट की सबसे बड़ी वजह वहां की सरकार की आर्थिक नीतियां हैं सरकार के गलत फैसलों का असर ये हुआ है कि देश में खाने-पीने और राशन की सामान्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं. लोगों के लिए खाना-पीना भी दूभर हो गया, इसका नतीजा ये हुआ कि अब सरकार के प्रति लोगों का विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया है कि वो सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं.
राशन की किल्लत की वजह से श्रीलंका की दो करोड़ की आबादी सड़कों पर आ गई है. चावल का निर्यात करने वाला श्रीलंका अभी इसे आयात कर रहा है और इसकी कीमत 450 रुपये से लेकर 700 रुपये के बीच है. आलू-प्याज जैसी सामान्य इस्तेमाल की जाने वाली सब्जी की कीमत 220 रुपये किलो हो चुकी है, तो वहीं लहसुन भी 170 रुपये में सिर्फ 250 ग्राम ही मिल रहा है. नारियल और नारियल तेल के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से एक श्रीलंका में इन दिनों नारियल की कीमत 85 से 100 रुपये प्रति नग पर पहुंच गई है, जबकि नारियल तेल 600 रुपये से 1000 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है.
श्रीलंका में अनाज की कीमतों में तो मानो आग लगी हुई है, अनाजों की बात करें तो यहाँ राजमा 925 रुपये प्रति किलो तक, पॉपकॉर्न 760 रुपये प्रति किलो तक और मसूर की दाल 500 से लेकर 600 रुपये प्रति किलो तक हो गई है. देश में काबुली चना भी बहुत महंगा हो गया है, इसका भाव 800 रुपये प्रति किलो तक हो गया है. वहीं हरा मटर 355 रुपये, हरा मूंग 850 रुपये, लाल राजमा 700 रुपये और काला चना 630 रुपये प्रति किलो तक में बिक रहा है. संकट की स्थिति में यहां मटर और चने जैसी दालों के भाव भी बढ़ गए हैं, मटर की दाल 500 रुपये प्रति किलो की मिल रही है , तो वहीं चना दाल की कीमत भी 500 प्रति किलो से ज्यादा हो गई है.
मूंग दाल अब श्रीलंका में आम आदमी की रसोई से बाहर जा चुकी है, मूंग गाल 1,240 प्रति किलो की दर से बिक रही है. वहीं अरहर की दाल 890 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है वहीं मूंगफली दाना और उड़द दाल की बात करें तो मूंगफली दाना 760 रुपये और उड़द की दाल 850 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.