नई दिल्ली, आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में एक बार फिर आपातकाल लगा दिया गया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने आधी रात से आपातकाल लगाने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले भी श्रीलंका में आर्थिक सकंट की वजह से ही आपातकाल लगाया जा चुका है, […]
नई दिल्ली, आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में एक बार फिर आपातकाल लगा दिया गया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने आधी रात से आपातकाल लगाने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले भी श्रीलंका में आर्थिक सकंट की वजह से ही आपातकाल लगाया जा चुका है, तब चार अप्रैल को देश में आपातकाल लगाया गया था.
इस समय श्रीलंका सिर्फ आर्थिक संकट से ही नहीं जूझ रहा है, बल्कि वहां पर राजनीतिक अस्थिरता का दौर भी देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, साथ ही राजपक्षे के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने अपने कर्तव्यों का ठीक तरीके से निर्वाहन नहीं किया है.
अब जो आरोप राष्ट्रपति पर लग रहे हैं, उसका मुख्य कारण है श्रीलंका की चरमराती अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई में राष्ट्रपति द्वारा कर्तव्यों का ठीक तरह से निर्वहन न करना. श्रीलंका में इस सयम स्थिति बद से बदतर होती नज़र आ रही है, श्रीलंका की खराब हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां पर 30 रुपये का अंडा और 380 रुपये के आलू मिल रहे हैं. इस समय श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल की भी भारी किल्लत देखने को मिल रही है और खाने के सामान के लिए भी लोगों की लंबी कतारें लगी हैं. इन सब के अलावा गलत नीतियों की वजह से श्रीलंका भारी कर्ज में जा चुका है. श्रीलंका इस समय इतने कर्ज में है कि उसे चुकाने के लिए भी उसे कर्ज लेना पड़ेगा.
वहीं दूसरी तरफ श्रीलंका में बिगड़ते हालात को देखते हुए बड़े स्तर पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर उतर कर राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफा मांग कर रहे हैं.
केजरीवाल का नया प्लान: मुफ्त बिजली सबको नहीं, पूछेंगे विकल्प