नई दिल्ली: श्रीलंका में बढ़ती मंहगाई और गहराते आर्थिक संकट के बीच सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। इसको लेकर लोगों का विरोध प्रदर्शन रोज उग्र हो रहा है। प्रदर्शन का सबसे बड़ा केंद्र राजधानी कोलंबो बना हुआ है,जहां आम लोग पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की चीजों की कमी के चलते हाथो में झंडा, बैनर-पोस्टर […]
नई दिल्ली: श्रीलंका में बढ़ती मंहगाई और गहराते आर्थिक संकट के बीच सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। इसको लेकर लोगों का विरोध प्रदर्शन रोज उग्र हो रहा है। प्रदर्शन का सबसे बड़ा केंद्र राजधानी कोलंबो बना हुआ है,जहां आम लोग पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की चीजों की कमी के चलते हाथो में झंडा, बैनर-पोस्टर लिए सड़कों पर हैं. सरकार के सचिवालय के सामने भी लोग लगातार नारेबाजी और उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
आम लोगों के साथ-साथ अब विपक्ष भी सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है। खबरों के मुताबिक सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी हो चुकी है। एसजेबी ने इसके लिए सांसदों से हस्ताक्षर लेने भी शुरू कर दिए हैं. आर्थिक संकट दूर करने के लिए राजपक्षे सरकार के वित्त मंत्री IMF से बातचीत की कोशिश में जुट गए हैं, क्योंकि देश के फॉरेन रिजर्व का ग्राफ बहुत नीचे जा चुका है. ग्राफ डाउन होने की वजह से श्रीलंका में जरूरी चीजों के रेट बहुत बढ़ चुके है। आइए जानते हैं श्रीलंका में कौन सी चीज क्या भाव में मिल रही है?
सामान रेट 1 साल में महंगाई की बढोत्तरी
पेट्रोल 254 रुपये 85%
डीजल 104 रुपये 69%
सिलेंडर 2750 रुपये 84%
हल्दी 3853 रुपये 443%
ब्रेड 3583 रुपये 443%
चावल 162 रुपये 93%
मसूर दाल 325 रुपये 117%
श्रीलंका में पेट्रोल की कीमतों में 1 साल में 85 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि डीजल की कीमतों में 70 फ़ीसदी की बढ़ोतरी है। रसोई गैस की कीमत में 84 फ़ीसदी का उछाल आया। इसके साथ ही एक किलो हल्दी की कीमत 3,853 रुपये है, जिसमें 443 फीसदी का उछाल आया है. वहीं दैनिक इस्तेमाल में खाए जाने वाला ब्रेड श्रीलंका में 3,583 रुपये/किलो में मिल रहा है, इसकी कीमत भी 443 फीसदी बढ़ी है. देश में चावल की कीमत में 93 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मसूर दाल की कीमत में 117 फीसदी का इजाफा हुआ है.
आंकड़े बता रहे है कि श्रीलंका में किस कदर लोग महंगाई की मार झेल रहे है। इसी वजह से हजारों लोग राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर उग्र प्रदर्शन कर रहे है। इस वक़्त श्रीलंका में ईंधन की भारी कमी है, जिसे कम करने के लिए भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत ने श्रीलंका को 36 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मीट्रिक टन डीजल क्रेडिट लाइन के तौर पर श्रीलंका तक पहुँचाया है।