नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच जासूसी गुब्बारे को लेकर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच अमेरिका ने चीन के बैलून कार्यक्रम का समर्थन करने वाली 6 कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट ने बताया है कि उसने बीजिंग के सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयासों को समर्थन करने के लिए छह चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि चीन की सेना इन गुब्बारों का इस्तेमाल खुफिया गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहा था। वहीं, चीन ने कहा था कि वह एक सिविल बैलून था।
बता दें कि अमेरिका ने जिन चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया है उनमें बीजिंग नानजियांग एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी, चीन इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी समूह निगम 48वां अनुसंधान संस्थान और डोंगगुआन लिंगकोंग रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी शामिल हैं। इसके साथ ही ईगल्स मेन एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप की तीन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया गया है।
अमेरिका ने चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करते हुए एक बयान जारी कर कहा है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना अधिक ऊंचाई वाले गुब्बारों को इस्तेमाल कर हमारी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है। चीन की सेना खुफिया गतिविधियों के लिए इन गुब्बारों का इस्तेमाल कर रही हैं। इससे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। बयान में आगे कहा गया है कि आज की कार्रवाई से स्पष्ट है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाली संस्थाओं को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस EVM के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े…
दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी की अच्छी खासी पकड़ है। दिल्ली…
पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका, भारत…
भारत की राजधानी दिल्ली में बैठीं शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार…
इस्सौपुरटिल इलाके में अवैध कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा था।…
क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने कोहली को एक अहम सलाह दी। उन्होंने कहा कि…