नई दिल्ली: अमेरिका के एक यूनिवर्सिटी में चूहों पर अध्ययन किया जा रहा है. इस दौरान एक्सपर्ट ने इन्हें इस तरह से ट्रेंड किया है कि वे एक कार को चला रहे हैं. कार पारदर्शी प्लास्टिक के बक्से से बनी होती हैं और वहां एल्यूमीनियम फर्श होते हैं. कार के अंदर 3 तांबे की छड़ें […]
नई दिल्ली: अमेरिका के एक यूनिवर्सिटी में चूहों पर अध्ययन किया जा रहा है. इस दौरान एक्सपर्ट ने इन्हें इस तरह से ट्रेंड किया है कि वे एक कार को चला रहे हैं. कार पारदर्शी प्लास्टिक के बक्से से बनी होती हैं और वहां एल्यूमीनियम फर्श होते हैं. कार के अंदर 3 तांबे की छड़ें हैं जिन्हें चूहे छू सकते हैं. जब भी चूहा एक बार छूता है तो वह एक चक्कर पूरा करता है।
चूहे आमतौर पर हर जगह दिख जाते है. शायद ही कोई घर ऐसा हो जिसमें चूहों ना जात हो. चूहों को लेकर आपके मन में यही सोच रहती है कि ये सिर्फ घर में सामानों को कुतर सकते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. चूहे अब ऐसा काम करने लगे हैं जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. बाता दें कि चूहे अब कार भी चला सकते हैं. अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड में जिन चूहों पर गहरी अध्ययन किया जा रहा है, वे एक कार चला सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार चूहे जो “कार” चला रहे हैं, वे केवल प्लास्टिक के बक्सों से बनी हैं लेकिन चूहों में वाहन चलाने का स्किल डेवेलप करना एक खास उपलब्धि है. रिचमंड यूनिवर्सिटी में केली लैम्बर्ट इन छोटी कारों को बनाते हैं. कार पारदर्शी प्लास्टिक के बक्से से बनी होती हैं जिसमें एल्यूमीनियम फर्श होते हैं. कार के अंदर 3 तांबे की छड़ें हैं जिन्हें चूहे छू सकते हैं. जब भी चूहा एक बार छूता है तो वह एक चक्कर पूरा करता है।
VIDEO: Dr. Kelly Lambert's research lab at the University of Richmond, in the US state of Virginia, trains rats to drive small cars, exploring the potential benefits to the brain in the process. pic.twitter.com/7G1JqVfTDI
— AFP News Agency (@AFP) August 21, 2022
लैम्बर्ट और उनके सहयोगियों ने 6 मादा और 4 नर चूहों का इस ट्रायल के लिए चयन किया और उन्हें कार चलाने के लिए ट्रेंड किया. पहले उन्हें कार आगे बढ़ाने के लिए खाने का लालच दिया. यानी कार के आगे खाना रखा और जिसे प्राप्त करने की चाह में वह कार के अंदर कमांड देते हैं और कार चलती है। शुरुआत में चूहों को तांबे की सलाखों को छूने पर खाना दिया लेकिन इनाम की सीमा जल्द बढ़ा दी गई. फिर धीरे-धीरे खाने की दूरी बढ़ा दी गई और चूहों ने जल्द ही नई चुनौती को स्वीकार कर लिया।
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना