जब इस बिल को संसद में पेश किया गया तो बिल के समर्थन में 241 वोट और विपक्ष में 83 वोट पड़े. विपक्षी दल इकॉनॉमिक फ्रीडम पार्टी के नेता जूलियस मालेमा द्वारा प्रस्तावित बिल के अनुसार जो जिन लोगों से जमीन छीनी जाएगी उसे मुआवजे देने का कोई प्रावधान नहीं है. दक्षिण अफ्रीका
जोहांसबर्ग. दक्षिण अफ्रीका सरकार ने एक बड़ा ऐतहासिक फैसला लेते हुए ‘विदेशी’ गोरों से जमीनें छीनकर मूलनिवासियों (अफ्रीकियों) को देने संबंधित बिल को पास कर दिया है. अब बिना किसी मुआवजे के गोरों की जमीन को छीनकर दक्षिण अफ्रीका के मूलनिवासियों को दिया जा सकेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह बिल विपक्षी दल इकॉनॉमिक फ्रीडम पार्टी के नेता जूलियस मालेमा लेकर आए था. सत्ताधारी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने इसका समर्थन किया है.
जब इस बिल को संसद में पेश किया गया तो बिल के समर्थन में 241 वोट और विपक्ष में 83 वोट पड़े. विपक्षी दल इकॉनॉमिक फ्रीडम पार्टी के नेता जूलियस मालेमा द्वारा प्रस्तावित बिल के अनुसार जो जिन लोगों से जमीन छीनी जाएगी उसे मुआवजे देने का कोई प्रावधान नहीं है. इस बिल का सत्ताधारी पार्टी अफ़्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) ने भी समर्थन किया, जिसके पास संसद में दो-तिहाई सदस्यों की संख्या मौजूद है. हालांकि विपक्षी दल डेमोक्रेटिक अलाइंस ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया है.
इस मौके पर राष्ट्रपति सिरील रामाफोसा ने देश के नाम संबोधन में कहा कि देश के मूलनिवासियों (अफ्रीकियों) को जो उनकी जमीनें वापस देने का वादा किया गया था उसे तेजी से पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जमीन का हस्तांतरण इस प्रकार से किया जाएगा कि जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा में सुधार हो सके.
बता दें कि 2017 में दक्षिण अफ्रीका सरकार ने एक ऑडिट किया था, जिसके अनुसार दक्षिण अफ्रीका में 72% जमीन वहां के अल्पसंख्यक गोरे लोगों के पास है, जिनकी आबादी 8-10% है.
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