नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर यूनुस सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हसीना के खिलाफ केस पर केस दर्ज कर रही है. मंगलवार को भी पूर्व पीएम के खिलाफ 9 मामले दर्ज किए गए. देश में नई सरकार बनने के बाद से अब तक शेख हसीना के खिलाफ 31 केस दर्ज हो चुके हैं, इनमें 26 हत्या, चार नरसंहार और एक किडनैपिंग का मामला शामिल हैं.
बता दें कि हसीना के साथ ही उनके परिवार पर भी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. बीते दिनों 11 साल पुराने एक मामले में हसीना के बेटे सजीब वाजिद जॉय, बेटी साइमा वाजिद पुतुल और बहन शेख रेहाना पर केस दर्ज किया गया. यानी अब ये लोग बांग्लादेश वापस लौटते हैं तो इन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
लगातार दर्ज हो रहे केस के बाद अब माना जा रहा है कि अगर शेख हसीना वापस बांग्लादेश लौटीं तो उन्हें फांसी मिलना तय है. अगर मौत की सजा नहीं भी मिलती है तो उन्हें आजीवन अपनी जिंदगी सलाखों के पीछे गुजारनी पड़ सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हसीना ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए जिस तरह से आरक्षण विरोधी आंदोलन को कुचलने की कोशिश की उसे लेकर पूरे देश में गुस्सा है.
मालूम हो कि शेख हसीना 5 अगस्त को हिंसा के बीच बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं. फिलहाल वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में रह रही हैं. वहीं, बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार गठित की जा चुकी है. फिलहाल यूनुस सरकार देश की अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था को वापस पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है.
यूनुस सरकार बना रही ऐसा प्लान कि मोदी खुद हसीना को बांग्लादेश को सौंप देंगे?
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