नई दिल्ली: इजराइल और हमास के बीच चल रहे जंग में अब तक लगभग 5000 लोगों की मौत हो चुकी है. युद्ध के बीच बीते मंगलवार को गाजा के अल-अहली अस्पताल में भीषण विस्फोट हुआ था. जिसमें तकरीबन 500 लोगों की जान चली गई. इस हमले का आरोप आतंकी समूह हमास और इजराइल की सेना […]
नई दिल्ली: इजराइल और हमास के बीच चल रहे जंग में अब तक लगभग 5000 लोगों की मौत हो चुकी है. युद्ध के बीच बीते मंगलवार को गाजा के अल-अहली अस्पताल में भीषण विस्फोट हुआ था. जिसमें तकरीबन 500 लोगों की जान चली गई. इस हमले का आरोप आतंकी समूह हमास और इजराइल की सेना एक दूसरे पर मढ़ रहे हैं. इस बीच खबर आ रही है कि इजराइली सेना ने इस हमले में मारे गए लोगों के शवों को लेकर ही सवाल खड़ा कर दिया है.
इजराइली सुरक्षा बल (आईडीएफ) ने आज (गुरुवार) को अपने ऊपर लगाए गए आरोप को अस्वीकार करने के साथ ही इस हमले के लिए हमास के इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही हमास के उस दावे पर भी सवाल खड़े कर दिए, जिसमें कहा जा रहा है कि अस्पताल में हुए ब्लास्ट में कई लोग मारे गए थे. आईडीएफ ने अपने दावों के समर्थन में एक वीडियो जारी किया है. जिनमें से एक वीडियो में धमाका होने से पहले और बाद में अस्पताल के आसपास के क्षेत्र को दिखाया गया है. इसको लेकर आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि शुरूआती जांच से पता चलता है कि रॉकेट अस्पताल के पार्किंग में फटा था. साथ ही उसको देखने से ऐसा लगता है कि घटना में किसी की मौत नहीं हुई है.
आईडीएफ के प्रवक्ता ने कहा कि वीडियो में देखा जा सकता है कि जहां विस्फोट हुआ वह क्षेत्र पूरा काला पड़ा हुआ है. देखने से ऐसा लगता है कि वहां भीषण आग लगी थी. यह वास्तव में वो स्थान है जहां रॉकेट ने सर्वाधिक प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि मैं जो देख सकता हूं वहां 15 कारें हैं जो इस हमले से प्रभावित हुई थीं. हालांकि इस घटना के बाद जो मुझे नहीं दिख रहा वो हैं लोगों का शव. आईडीएफ ने गाजा में फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के उस दावे पर सवाल किया, जिसमें कहा गया था कि विस्फोट 500 लोग मारे गए थे.
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